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मरीज में सिर्फ प्लेटलेट की कमी नहीं है डेंगू का लक्षण, मल्टी ऑर्गन फेलियर भी हो सकता है
डिजिटल डेस्क जबलपुर। वायरल और डेंगू के अटैक ने शहर की सेहत बिगाड़ दी है। अस्पतालों में बिस्तर नहीं मिल रहे हैं। मरीज और परिजन एक-एक बेड के लिए परेशान हैं। शासकीय अस्पतालों से लेकर निजी अस्पतालों तक यही स्थिति है। डेंगू के मरीजों के बेहद अहम प्लेटलेट्स को जुटाने के लिए भी परिवारजनों को मशक्कत करनी पड़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि डेंगू के दौरान प्लेटलेट्स की कमी होती है, लेकिन सिर्फ यही डेंगू का लक्षण नहीं है। हीमोग्लोबिन का बढऩा भी खतरनाक है। ऐसी स्थिति में मरीज मल्टी ऑर्गन फेलियर की ओर बढऩे लगता है। दिल, पेट, लंग्स के आसपास पानी जमा होने लगता है। ऐसे में इलाज में लापरवाही जानलेवा साबित होती है। जनरल फीजिशियन डॉ. शैलेंन्द्र सिंह राजपूत ने बताया कि आमतौर लोग डेंगू को केवल प्लेटलेट कमी से जोड़कर देखते हैं। जबकि डेंगू सिर्फ प्लेटलेट की कमी नहीं हैं। डेंगू में कैपेलरी लीक सिंड्रोम एक सबसे प्रमुख समस्या है। शरीर की जितनी कैपेलरी होती हैं उनमें लीकिंग सिस्टम बढ़ जाता है। इससे हमारा इंट्रामस्कुलर ब्लड थर्ड स्पेस में चला जाता है, जिसके कारण शरीर में हीमो कंस्ट्रेशन हो जाता है। थर्ड स्पेस में लंग्स, पेट और दिल के आस-पास पानी भरने की समस्या सामने आ जाती है। इसको पॉलिसिरोसाइटिस भी कहते हैं। यह डेंगू का नया लक्षण नहीं हैं, बल्कि डेंगू की मुख्य समस्या यही है। कैपेलरी लीक सिंड्रोम ही डेंगू मरीजों में मौत की वजह भी बनता है। इसकी वजह से मरीज मल्टी ऑर्गन फेलियर की स्थिति में पहुंच जाता है। दिल, लीवर, किडनी और लंग्स पर बुरा प्रभाव पड़ता है। हीमोकंस्ट्रेशन और थम्बोसाइटोपीनिया, दोनों साथ ही होते हैं। लेकिन हर पेशेंट में एक जैसा नहीं होता है। कई बार डेंगू के मरीजों में हीमोग्लोबिन अचानक से बढ़ जाता है, जिस मरीज में हीमोग्लोबिन तेजी से बढ़ रहा होता है उनमें कैपेलरी लीक सिंड्रोम बढ़ता जाता है। ऐसे मरीज मल्टी ऑर्गन फेलियर की ओर बढ़ रहे होते हैं। यह खतरनाक स्थिति है। बता दें कि शहर में सैकड़ों की संख्या में डेंगू के मरीज हैं, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड यह आंकड़ा 250 के पार ही पहुंचा है।
Created On :   3 Sept 2021 7:27 PM IST