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- Land mafia is starting to waste mineral wealth - the geographical condition of Jabalpur is also getting worse
दैनिक भास्कर हिंदी: खनिज संपदा को बर्बाद करने में लगे हैं भू-माफिया -जबलपुर की भौगोलिक स्थिति भी हो रही खराब

डिजिटल डेस्क जबलपुर । शहर के आसपास प्राकृतिक स्वरूप लिए नदी, जंगल, पहाड़, तालाब एवं खनिज संपदा जो सरकारी हुआ करती थीं, कब ये लोगों की निजी जमीनों में बदल गईं यह आज तक किसी को पता नहीं चला। कागजी आँकड़े प्रशासन की लापरवाही से भले ही चिंघाड़ते हों, लेकिन वास्तविकता यह है कि शहर के आसपास बने पहाड़, जंगल को भी नोच खाने की होड़ लगी हुई है। इसका उदाहरण पूर्व में मेडिकल जाने वाले रास्ते पर सड़क किनारे लगी पहाडिय़ों को निजी जमीन का जामा पहनाकर वहाँ की चट्टानें विस्फोट से उड़ाकर नेस्तानाबूत कर दी गईं। भू-माफिया को बचाने शासन प्रशासन स्तर से इतने सटीक आश्वासन दिए जाते हैं कि कोई भी व्यक्ति इन पर हाथ डालने से डरता है।
खुद बनाया था प्रकृति ने अपना स्वरूप
शहर के चारों तरफ नैसर्गिक रूप प्रकृति ने खुद बनाए थे। इस रचना को प्रकृति ने खुद रचा था जो मनुष्य खुद कभी नहीं बना सकता, बल्कि उसे नष्ट करने का ही काम करता है। यह सिलसिला लगातार वर्तमान में जारी है और इसका स्वरूप मनुष्य ही बदलकर प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहा है। यह सिलसिला चलता रहा तो कांक्रीट के जंगल में पूरा शहर तब्दील हो जाएगा और जिनके कंधों पर शहर को सुंदर बनाने की जिम्मेदारी है, वे माफिया के साथ मिलकर प्रकृति के दिए गए पहाड़, जंगल, तालाब को नष्ट करने में लगे हुए हैं। पहाड़ भले ही मिट्टी, मुरुम, पत्थर के क्यों न हों उसके स्वरूप को नष्ट करने के लिए जेसीबी का प्रयोग किया जा रहा है।
कटियाघाट का चीरा जा रहा सीना
शहर से लगभग 8 किलोमीटर दूर कटियाघाट ग्राम के नाम से जाने जाना वाला इलाका पहाड़ी से लगा हुआ है। उसमें लगे हरे-भरे वृक्ष खुद-व-खुद शहर को एक ऊर्जा के साथ शुद्ध हवा देने का काम करते हैं। वह पहाड़ भी कब निजी हो गया किसी को कानों-कान खबर तक नहीं हुई। जिला प्रशासन के पास 1954-55 का रिकॉर्ड है उसके पहले प्रशासन के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है कि वे देख सकें कि पहाड़ कब निजी व्यक्ति के नाम पर चढ़ गया। आखिर किस मकसद के साथ उक्त पहाड़ को निजी हाथों में बलि चढ़ाने के लिए भेंट चढ़ा दिया गया। आखिर प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करने का खिलवाड़ करने वाला जिम्मेदार कौन होगा और कौन इसकी जिम्मेदारी उठाएगा। ऐसा ही चलता रहा तो प्रकृति ने जो शहर को जंगल, पहाड़ दिए थे, वह हमारे आने वाली पीढ़ी को देखने ही नहीं मिलेगा और वह एक सपना ही बनकर रह जाएगा कि हमारे शहर में जंगल व पहाड़ भी हुआ करते थे। भू-माफिया हर तरफ इन्हें पूरी तरह निगल रहे हैं। वहीं नेता, अधिकारी व जिम्मेदार सब इस पर अंकुश लगाने बौने साबित हो रहे हैं।
शासकीय भूमि भी निशाने पर
भू-माफिया शासकीय भूमि को भी अपना निशाना बनाने में लगे हुए हैं। खसरा नंबर 218 के हिस्से में आने वाले पहाड़ को भी माफिया नष्ट करने में लग गए हैं। रात भर वहाँ पर भी जेसीबी मशीनें चलाई जा रही हैं और सड़कों पर मिट्टी फैलाई जा रही है। एक खाली पड़े प्लॉट में मिट्टी को भी डम्प किया जा रहा है।
हमारी जानकारी में नहीं
इनका कहना है
बिना ग्राम की जानकारी के बगैर हम कुछ भी नहीं बता सकते हैं। ग्राम की जानकारी के बाद ही हम जमीन की वस्तुस्थिति के बारे में बता पाएँगे।
-श्रीमती दिव्या अवस्थी, एसडीएम रांझी
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।
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