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पुलगांव में नष्ट की गई आयुध निर्माण के रिजेक्टेड बमों की बड़ी खेप

डिजिटल डेस्क जबलपुर । आयुध निर्माणी खमरिया में पिछले कई साल से हादसों का कारण बन रहे पुराने आरसीएल बमों की एक बड़ी खेप पुलगांव के सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपो में नष्ट कर दी गई है। यह खेप हाल ही में बम विशेषज्ञों की उपस्थिति में नष्ट की गई है। करीब 7 हजार आरसीएल बम अब तक नष्ट किये जा चुके हैं। बड़े पैमाने पर रिजेक्टेड बमों को नष्ट करने का काम पिछले साल से शुरू किया गया था। इसके लिए आयुध निर्माणी खमरिया की ऐसी बंद गोदामों को फिर से खोला गया, जहां पर पुराने बम रखे गए थे। आयुध निर्माणी खमरिया में पिछले 20 सालों के भीतर विस्फोट के जितने भी हादसे हुए हैं उनमें सबसे घातक हादसे आरसीएल बमों के विस्फोट के कारण हुए हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि इन बमों में पहले फ्यूज साथ में ही लगाया जाता था। बाद में आरसीएल बमों के निर्माण में सुरक्षा के लिहाज से फेरबदल कर फ्यूज अलग से लगाये जाने लगे। ओएफके में पहले सबसे ज्यादा आरसीएल बमों का निर्माण होता था और जब भी आरसीएल बम रिजेक्ट होते थे उन्हें दूर की गोदाम में भर कर छोड़ दिया जाता था। इसके कारण बड़ी संख्या में आरसीएल बम गोदामों में एकत्र हो गए थे।
जंगली जानवरों की धमाचौकड़ी -बंदरों व जंगली जानवरों द्वारा बम गोदामों में धमाचौकड़ी मचाने के कारण इन बम गोदामों में विस्फोट होने के कारण दहशत की स्थिति बन गई थी। जब भी इन बमों की गोदामों में विस्फोट हुआ उसमें इन्हीं जंगली जानवरों का हाथ होने की संभावना जताई गई।
पहले घातक बमों को नष्ट किया - आरसीएल बमों को नष्ट करने की प्रक्रिया सबसे पहले शुरू की गई, क्योंकि सबसे ज्यादा घातक बम इन्हें ही माना गया। आरसीएल बमों में फ्यूज लगा होने के कारण इन बमों को नष्ट करने के पहले बम विशेषज्ञों की मदद से फैक्टरी कर्मियों को प्रशिक्षण दिलाया गया। उसके बाद ही आरसीएल बमों का फ्यूज बम एक्सप्लोसिव डिपो में निकाला गया। उसके बाद आरसीएल बमों की खेप को पुलगांव भेजा गया। वहां पिछले 15 दिनों से लगातार बमों को नष्ट करने का कार्य किया जा रहा था।
नष्ट करने में सावधानी बरती गई - खतरनाक बमों को नष्ट करने का काम इतनी सावधानी से किया गया कि इस दौरान किसी प्रकार का कोई हादसा नहीं हुआ। इस काम का निरीक्षण करने के िलए जीएम एके अग्रवाल भी कल पुलगांव में थे और उन्होंने बमों को नष्ट करने के काम की समीक्षा भी की।
Created On :   7 April 2018 1:15 PM IST