प्रारंभिक परीक्षा मामले में पीएससी व सरकार को दिया अंतिम मौका जवाब पेश नहीं करने पर जताई नाराजगी

Last chance given to PSC and government in preliminary exam case
प्रारंभिक परीक्षा मामले में पीएससी व सरकार को दिया अंतिम मौका जवाब पेश नहीं करने पर जताई नाराजगी
प्रारंभिक परीक्षा मामले में पीएससी व सरकार को दिया अंतिम मौका जवाब पेश नहीं करने पर जताई नाराजगी

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम और आरक्षण अधिनियम की संवैधानिकता के खिलाफ दायर याचिकाओं पर जवाब पेश नहीं करने पर नाराजगी जाहिर की है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार और पीएससी को जवाब पेश करने के लिए अंतिम मौका दिया है। डिवीजन बैंच ने याचिकाओं की अगली सुनवाई 22 फरवरी को निर्धारित की है। 
यह है मामला 7 पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम, राज्य सेवा परीक्षा नियम 2015 और आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 4 (4) के खिलाफ सामाजिक संगठन अपाक्स सहित 6 याचिकाएँ दायर की गई हैं। याचिका में कहा गया है कि पीएससी ने राज्य सेवा परीक्षा नियम 2015 में संशोधन कर उसे भूतलक्षी प्रभाव से लागू कर दिया है। इस संशोधन के जरिए यह प्रावधान कर दिया गया है कि अब आरक्षित वर्ग का अभ्यर्थी यदि मैरिट में आता है तो भी उसे अनारक्षित वर्ग की सूची में शामिल नहीं किया जाएगा। वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष पॉल, रामेश्वर सिंह ठाकुर और विनायक शाह ने तर्क दिया कि अनारक्षित पदों पर केवल प्रतिभावान छात्रों का चयन होता है, चाहे वह किसी भी वर्ग का हो। यह प्रावधान सुप्रीम कोर्ट के इंदिरा साहनी मामले में दिए गए न्याय दृष्टांत के खिलाफ है। 
पीएससी में 113 प्रतिशत आरक्षण 
याचिका में कहा गया है कि पीएससी परीक्षा में 113 प्रतिशत आरक्षण कर दिया गया है। अनारक्षित वर्ग के लिए 40 प्रतिशत, ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत, एससी के लिए 20 प्रतिशत, एसटी के लिए 16 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जा रहा है, जो आरक्षण प्रावधानों का उल्लंघन है। 
परीक्षा परिणाम याचिका के निर्णयाधीन 
हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को याचिका के निर्णयाधीन रखने का आदेश दिया है। गुरुवार को राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता आरके वर्मा और पीएससी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत सिंह ने मामले में जवाब पेश करने के लिए अवसर दिए जाने का आग्रह किया। डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार और पीएससी को जवाब पेश करने के लिए अंतिम मौका दिया है। 

Created On :   5 Feb 2021 1:52 PM IST

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