धान खरीदी का आखिरी दिन, अभी भी नहीं बिकी 30 हजार किसानों की धान

परिवहन भी धीमा, 30 प्रतिशत परिवहन शेष धान खरीदी का आखिरी दिन, अभी भी नहीं बिकी 30 हजार किसानों की धान

डिजिटल डेस्क सिवनी। सुकतरा के रहने वाले किसान दयाराम हाल की बारिश के बाद उग चुकी धान को खरीदी केंद्र के बाहर सुखा रहे हैं। उनका कहना है कि कभी बारदाने की कमी तो कभी बारिश के चलते उनकी धान नहीं खरीदी गई। अब पिछले दिनों बारिश में उनकी धान भीग गई और एक दो दिनों में अंकुरण भी हो गया। धान खरीदने से पहले जिम्मेदार साफ और अच्छी धान की मांग कर रहे हैं। ऐसे में क्या किया जाए। धान सुखा रहे हैं जितनी बच जाए नहीं तो क्या करेंगे। घर ले जाएंगे, मवेशियों को खिलाएंगे। ये कहानी किसी एक किसान की नहीं है। शक्लें बदलती जाती हैं। नाम बदलते जाते हैं। छीतापार के मेहताब सिंह ठाकुर हो जाते हैं तो कभी जमुनापार के जमुना प्रसाद। केंद्र बदल जाते हैं कहानी कुछ यूं ही रहती है। सरकारी दावों का सरकारी आंकड़ों से मिलान करें तो वे भी जिम्मेदारों की पोल खोलते नजर आते हैं।
के ंद्र-केंद्र अव्यवस्था..
जिले में 121 केंद्रों में 81073 किसानों से धान खरीदी जानी थी। प्रशासन ने साढ़े चार लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य तय किया था। नवंबर के आखिरी दिनों में शुरु हुई खरीदी का गुरुवार को आखिरी दिन है। और अभी भी जिले में मात्र 52950 किसानों से ही धान खरीदी जा सकी है। बुधवार को बड़ी संख्या में किसान धान खरीदी केंद्रों में अपने एसएमएस, पोर्टल में अपना नाम खोजते नजर आए। अन्नदाताओं की इस भीड़ में न तो सोशल डिस्टेंसिंग ही दिख रही थी ना ही मास्क जैसी दूसरी कोरोना गाइडलाइन का ही पालन होता नजर आ रहा था। जिले में पिछले एक सप्ताह से पारा इकाई से नीचे चल रहा है लेकिन अधिकांश केंद्रों में अलाव के कोई इंतजाम नहीं हैं।
दावे हैं दावों का क्या...
पिछले कई दिनों से प्रशासन खरीदी केंद्रों में पर्याप्त इंतजाम और बारदाने के इंतजाम की बात कर रहा है लेकिन अधिकांश केंद्रों में कई-कई दिनों तक बारदानों की कमी के कारण धान खरीदी नहीं जा सकी। रही सही कसर दिसंबर और जनवरी के माह में तीन बार हुई बारिश के क्रम न पूरी कर दी। परिवहन की बात करें तो कलेक्टर ने अनेक बार मीटिंग लेकर शीघ्र परिवहन के निर्देश-आदेश जिम्मेदारों को दिए थे, कार्रवाई की भी बात की थी लेकिन अभी भी खरीदी केंद्रों में तीस फीसदी धान का परिवहन नहीं हो पाया है। यह धान उस धान से अलग है जिसकी तुलाई नहीं हुई है और जिसकी रखवाली किसान कर रहे हैं।
एक दिन में क्या होगा...
बुधवार को खरीदी केंद्रों में किसानों की भारी भीड़ नजर आई। किसान अपना नाम पोर्टल में देखने, एसएमएस को लेकर पूछताछ करने पहुंचे थे। आज खरीदी का आखिरी दिन है। सरकारी आंकड़े भी किसानों की परेशानी बयां कर रहे हैं। जिला आपूर्ति अधिकारी शैलेष कुमार शर्मा से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में 18 जनवरी तक 121 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से  52950  पंजीकृत किसानों से अब तक  395839.197 मेट्रिक टन धान का उपार्जन किया जा चुका है। जिसमें से 71.40 प्रतिशत का परिवहन कर भंडार केंद्रों में भंडारित किया जा चुका है।

किसानों से मांगी रकम तो हुआ हंगामा
बुधवार को कुरई तहसील के खवासा खरीदी केंद्र में किसानों ने जमकर हंगामा किया। वहीदाबाद के किसान चंदनलाल उइके सहित अन्य किसानों का आरोप है कि उनसे प्रति बोरा सात रुपए मांगे जा रहे हैं। वहीं खरीदी केंद्र में किसानों को खुद अपनी धान तौलना पड़ रहा है। बुधवार को जब परेशानी बढ़ गई तो गुस्साए किसानों ने जिले के अधिकारियों को मामले की शिकायत कर दी। किसानों का कहना है कि शिकायत के  बाद प्रबंधन ने उनकी पर्चियां नहीं दीं। इस केंद्र में स्वसहायता समूह के द्वारा खरीदी की जा रही है।

Created On :   19 Jan 2022 8:24 PM IST

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