एफआईआर में हुई देरी के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता मुकदमा

Lawsuit cannot be dismissed on the basis of delay in FIR
एफआईआर में हुई देरी के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता मुकदमा
एफआईआर में हुई देरी के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता मुकदमा

बहु से दुराचार के मामले में फंसे जेठ की पुनरीक्षण याचिका खारिज करके हाईकोर्ट ने की टिप्पणी
 डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
बहु से दुराचार करने के आरोप में फंसे जेठ की पुनरीक्षण याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। जस्टिस राजीव कुमार दुबे की एकलपीठ ने आरोपी की ओर से एफआईआर में हुई देरी को आधार मानने से इंकार कर दिया। अदालत ने कहा है कि एफआईआर में हुई देरी किन वजहों से हुई, और वो सही है या नहीं, उसका परीक्षण अभी नहीं किया जा सकता। अदालत ने आरोपी को स्वतंत्रता दी है कि वो चाहे तो निचली कोर्ट में गवाही के दौरान इस बात को उठा सकता है।
यह पुनरीक्षण याचिका होशंगाबाद जिले के पिपरिया वार्ड में रहने वाले गोविन्द पुरविया की ओर से दायर की गई थी। उसके खिलाफ होशंगाबाद जिले के सोहागपुर थाने में दुराचार की एफआईआर दर्ज है। आरोपी पर आरोप है कि उसने अपने छोटे भाई की पत्नी के साथ 3 मई 2018 को दुराचार किया। पीडि़त महिला ने जब घटना की जानकारी अपनी सास और पति को दी तो उसे शांत रहकर चुपचाप यह सब करने कहा। इसके बाद 8 मई 2018 को फिर से वह दुराचार का शिकार हुई। फिर से विरोध जताने पर उसे धमकाया गया कि उसने यह बात किसी से बताई तो उसे भी उसकी जेठानी की तरह मार डाला जाएगा। पीडि़त महिला जब अक्टूबर माह में अपने मायके पहुंची तो उसने अपने माता-पिता को पूरी घटना बताई। इस पर 30 अक्टूबर को सोहागपुर थाने में दुराचार की एफआईआर दर्ज हुई। जांच के बाद पुलिस ने महिला के पति को भी आरोपी बनाकर पिपरिया की जिला अदालत में चालान पेश किया। इस मामले को चुनौती देकर यह पुनरीक्षण याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई थी।
मामले पर हुई सुनवाई के दौरान आरोपी की ओर से कहा गया कि महिला बार-बार उनके मुवक्किलों को झूठा फंसाने की धमकियां देती रही और यह मामला भी उसी का एक हिस्सा है। यदि घटना मई माह की थी तो मामले की एफआईआर 30 अक्टूबर को क्यों की गई। इसके विरोध में राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता राजेश तिवारी और पीडि़त महिला की ओर से अधिवक्ता एके पाली ने अदालत को बताया कि एफआईआर में ही विलंब की वजह स्पष्ट है। पूरे मामले पर गौर करने के बाद अदालत ने एफआईआर में देरी के आधार पर प्रकरण निरस्त करने से इंकार करके पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी।
 

Created On :   2 Jan 2020 2:24 PM IST

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