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कोरोना की वजह से ईडी के सामने हाजिर नहीं होना चाहते देशमुख
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने अपने वकील के माध्यम से बांबे हाईकोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई को दुर्भावनापूर्ण बताया है। मनी लांड्रिंग से जुड़े आरोपों का सामना कर रहे देशमुख ने ईडी की कार्रवाई को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका पर सुनवाई के दौरान देशमुख के वकील ने कहा कि कोरोना के कारण देशमुख ईडी के सामने प्रत्यक्ष रुप से हाजिर होना नहीं चाहते। इस लिए उन्हें ऑनलाईन हाजिर होने की अनुमति दी जाए। बता दे की अभी तक ईडी देशमुख को पूछताछ के लिए पांच समन जारी कर चुकी है।
गुरुवार को यह याचिका न्यायमूर्ति नीतिन जामदार व न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता देशमुख की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने कहा कि जिस तरह से ईडी ने मेरे मुवक्किल (देशमुख) के खिलाफ समन जारी किया और मनी लांड्रिग कानून के तहत आरोप लगाया है, वह मेरे मुवक्किल के मौलिक अधिकारों का हनन है। ईडी की कार्रवाई दुर्भावना व द्वेषपूर्ण है। इसलिए मेरे मुवक्किल के खिलाफ ईडी की ओर से दर्ज किए गए मामले को रद्द कर दिया जाए। इसके साथ ही ईडी व सीबीआई को मेरे मुवक्किल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से रोका जाए। मेरे मुवक्किल को ऑनलाइन तरीके से मामले से जुड़े दस्तावेज सौपने व बयान दर्ज कराने की छूट दी जाए। क्योंकि मेरे मुवक्किल एक वरिष्ठ नागरिक हैं। कोरोना के चलते मेरे मुवक्किल प्रत्यक्ष रुप से ईडी के सामने हाजिर नहीं होना चाहते है।
वहीं ईडी की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील को अपनी दलीले अंतरिम राहत तक सीमित रखनी चाहिए। क्योंकि मनी लांड्रिंग से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में प्रलंबित है। ईडी की ओर से जारी किए गए पांच समन के बावजूद देशमुख एक बार भी ईडी के सामने हाजिर नहीं हुए है। शुक्रवार को भी इस मामले की सुनवाई जारी रहेगी।
Created On :   7 Oct 2021 7:32 PM IST