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दिल के टुकड़े टुबलु को जंगल में छोड़ा, वाइल्डलाइफ सेफ रहे यही तमन्ना
डिजिटल डेस्क सिवनी। ब्रम्हपुत्र नदी में आई बाढ़ के कारण सालों पहले आसाम स्थित घर पर आ गई प्रेग्नेंट मादा गैंडा ने बच्चे को जन्म दे दिया था। अगले दिन जब बाढ़ का पानी उतरा तो मादा गैंडा अपने खड़े होने में असमर्थ बच्चे को छोड़कर चली गई। वायुसेना में पदस्थ पिताजी भी वाइल्डलाइफ प्रेमी थे। मैं भी छोटी उम्र का था तब से वाइल्ड लाइफ के प्रति काफी प्रेम रहा है। हुआ यह कि जंगल में छोडऩे पर कहीं टाइगर अथवा अन्य वन्य प्राणी उस बच्चे का शिकार न कर लें, उसे हमने अपने घर पर ही रख लिया। फॉरेस्ट अफसरों को जानकारी देकर उसे पालने लगे। प्यार से सब उसे टुबलु कहने लगे। वह सबका चहेता बन गया। एक माह में ही इतना नटखट हो गया कि घर पर पूरे समय उछलकूद करते रहता था। पांच महीने का हुआ तो फॉरेस्ट अफसर कहने लगे अब वह बड़ा हो गया है, जंगल में छोडऩा पड़ेगा। यह सुनकर सब उदास हो गए। यह पेंच नेशनल पार्क में बन रही फिल्म अवनि की किस्मत के प्रोड्यूसर असित घोष के साथ घटित सच्ची घटना है। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने बताया कि अपने दिल के टुकड़े टुबलु को जंगल में छोडऩे के दुखद पल वे आज भी नहीं भुले हैं। यह पूरा घटनाक्रम अवनि की किस्मत में भी नजर आएगा। सन् 1989-90 में यूएसए में नासा के वैज्ञानिक रहे घोष को बचपन से ही वाइल्डलाइफ से लगाव है। देश का ऐसा एक भी नेशनल पार्क नहीं है, जहां वे गए न हों। महाराष्ट्र के यवतमाल में टाइगर अवनि की हत्या ने उन्हें काफी दुखी किया और तब से ही अवनि पर फिल्म बनाने की सोच रहे थे, ताकि उसे मारने के पीछे का सच्चा घटनाक्रम लोगों के सामने आ सके। घोष का कहना था कि लोगों को यह पता चलना चाहिए कि अवनि की मौत के पीछे उसका कोई कसूर नहीं है। अवनि की किस्मत फिल्म बनाने के पीछे यह भी मुख्य उद्देश्य है कि लोग वाइल्ड लाइफ को सेफ व सुरक्षित रखने के लिए जागरूक हो सकें।
वैज्ञानिक, बिजनिस अब फिल्म निर्माण
अवनि की किस्मत फिल्म बना रहे असित घोष आईआईटी दिल्ली के छात्र रहे हैं। उन्होंने बीआरसी, फिलिप्स मुंबई, फिलिप्स हॉलेण्ड फिर सन् 1989 में यूएसए में नासा ज्वाइन किया था। सन् 1991-92 में उन्होंने वापस देश लौटने का तय किया और इंडिया आ गए। यहां उन्होंने फूड केमिकल के एक्सप्रोर्ट-इम्पोर्ट का बिजनस शुरू किया। उन्होंने बताया कि उन्हें बचपन से ही वाइल्डलाइफ से लगाव रहा है। इसी का परिणाम है कि अब बिग कैट फिल्म कंपनी की स्थापना कर अवनि की किस्मत बना रहे हैं। उनका कहना था कि उनकी यही तमन्ना है कि वाइल्डलाइफ हमेशा सेफ रहे और लोग में भी इसके प्रति जागरूकता आए।
फिल्म में ये भी
अवनि की किस्मत की शूटिंग पेंच नेशनल पार्क में लगभग पूरी हो चुकी है। एक दिन बाद पूरी यूनिट यहां से रवाना हो जाएगी। यहां फिल्म शूटिंग की शुरूआत 9 जनवरी को हुई थी। फिल्म के एसोसिएट प्रोड्यूसर शांतनु राय ने बताया कि प्रोड्यूसर असित घोष ने घोषणा की है कि फिल्म से जो भी आय होगी, उसे वाइल्डलाइफ ट्रस्ट को दिया जाएगा। बताया गया कि इस फिल्म में एक्ट्रेस श्रुति बापना भी महत्वपूर्ण रोल कर रही हैं। इनके अलावा गिरिश सचदेव आदि भी शामिल हैं। फिल्म लगभग पौने दो से दो घंटे की अवधि की रहेगी।
ऐसी फिल्में कम बनती हैं : संजय सूरी
अवनि की किस्तम फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रहे जाने-माने एक्टर संजय सूरी ने दैनिक भास्कर से चर्चा में कहा कि ऐसी फिल्में बहुत ही कम बनती हैं। यह लीक से हटकर है और वाइल्ड लाइफ पर अवेयरनेस पर आधारित है। उनका कहना था कि वे अपने आपको खुशकिस्मत मानते हैं कि ऐसा किरदार निभाने का अवसर मिला। फिल्म में वे एक बिजनसमैन और वाइल्डलाइफ प्रेमी का रोल कर रहे हैं, जिसके साथ छोटी उम्र में एक घटना हुई थी और तब से टाइगर व वाइल्डलाइफ के प्रति प्रेम और बढ़ गया था। अभिनेता संजय सूरी ने बताया कि पेंच में शूटिंग के दौरान शासन-प्रशासन व स्थानीय लोगों का काफी सपोर्ट मिला, जो कि सराहनीय है।
फिल्म का हिस्सा बनकर खुश हूं : अश्लेषा ठाकुर
फिल्म अवनि की किस्मत में महत्वपूर्ण किरदार निभा रहीं अदाकारा अश्लेषा ठाकुर ने दैनिक भास्कर से चर्चा में बताया कि मुझे हमेशा से नेचर से बहुत प्यार रहा है और अवनि की किस्मत फिल्म का हिस्सा बनकर काफी खुश हूं। मैं इस फिल्म में काफी मीनिंगफुल रोल कर रही हूं। डायरेक्टर शोनेट बेरेट्टो ने जब इस फिल्म की स्क्रिप्ट मुझे बताई, तभी मैं काफी प्रभावित हुई और तय किया कि यह रोल मुझे करना चाहिए। मुझे लगा कि यह रोल करके मैं लोगों को वाइल्डलाइफ के प्रति अवेयर कर सकती हूं। यह फिल्म टाइगर अवनि पर आधारित है, जिसे मार दिया गया था। वाइल्डलाइफ व वन्य प्राणियों को सेफ करने के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए।
Created On :   30 Jan 2022 11:05 PM IST