इलाज में लापरवाही पर मरीजों को हर्जाना दें दो डॉक्टर

Let doctors compensate patients for negligence in treatment
इलाज में लापरवाही पर मरीजों को हर्जाना दें दो डॉक्टर
इलाज में लापरवाही पर मरीजों को हर्जाना दें दो डॉक्टर

अलग-अलग मामलों पर जिला उपभोक्ता फोरम ने सुनाए फैसले
डिजिटल डेस्क  जबलपुर।
इलाज में लापरवाही को लेकर दायर दो अलग-अलग मामलों पर जिला उपभोक्ता फोरम ने संबंधित डॉक्टरों को कहा है कि वे दो मरीजों को हर्जाना दें। फोरम के अध्यक्ष केके त्रिपाठी और सदस्य योमेश अग्रवाल और अर्चना शुक्ला ने दोनों मामलों में भुगतान के लिए डॉक्टरों को दो माह का समय दिया है।

गर्भपात में लापरवाही, नायक नर्सिंग होम्स दे दो लाख की क्षतिपूर्ति:

एक महिला के अबॉर्शन में लापरवाही पूर्वक इलाज करने पर फोरम ने नायक नर्सिंग होम गोलबाजार की संचालक डॉ. स्वराज नायक को दो माह के भीतर दो लाख रुपए की क्षतिपूर्ति देने कहा है। साथ ही वाद व्यय के रूप में पांच हजार रुपये का भी भुगतान करने कहा है। यह मामला पनागर के ग्राम सुहागी में रहने वालीं प्रभा पटेल ने दायर किया था। उनका कहना था कि वो गर्भपात के लिये 28 अगस्त 2012 को गोलबाजार स्थित नायक नर्सिंग होम गई थी। वहां डॉ. स्वराज नायक ने उनका गर्भपात किया और उसके लिये राशि भी जमा करायी, लेकिन उसकी रशीद उन्हें उपलब्ध नहीं करायी।
आरोप है कि बिना सोनोग्राफी किए डॉक्टर ने उनका गर्भपात किया और फिर उन्हें उसी दिन डिस्चार्ज कर दिया गया। कुछ समय बाद रक्त स्त्राव शुरु होने पर आवेदक को दवा का डबल डोज लेने की सलाह दी गई। इसके बाद भी आराम न लगने पर आवेदक का क्यूरेटेज कर दिया गया। इसके बाद भी आराम न मिल पाने पर उन्होंने डॉ. अलका बहल से संपर्क किया। उनके द्वारा कराई गई सोनोग्राफी से पता चला कि आवेदक की बच्चेदानी में कुछ टुकड़े अभी भी फंसे हैं, जिसके कारण उसे रक्तस्त्राव हो रहा है। वहां पर एक बार फिर से आवेदक के बच्चेदानी की सफाई की गई। डॉ. नायक द्वारा किए गए गलत इलाज को चुनौती देकर यह मामला दायर किया गया था। फोरम ने इलाज में लापरवाही बरतने पर उक्त आदेश दिया।
जबड़े के गलत इलाज पर दो 42 हजार का मुआवजा:
इसी तरह एक दूसरे मामले पर फोरम ने डेन्टल केयर रांझी के डॉ. यासिस अरोरा को जबड़े का गलत इलाज करने पर आवेदक को कुल 42 हजार रुपए देने के आदेश दिए हैं। राशि के भुगतान के लिए दो माह का समय दिया गया है। रांझी के पुराना विजय नगर में रहने वाले आरके गुप्ता की ओर से दायर इस मामले में कहा गया था कि वे 12 अक्टूबर 2012 को जबड़ा दिखाने डॉ. यासिस अरोरा के पास गए थे। आरोप है कि डॉ. अरोरा ने लापरवाहीपूर्वक आवेदक के बायें जबड़े का गलत दांत बाहर निकाल दिया। आरोप था कि डॉक्टर ने इतना बल प्रयोग किया कि उनका जबड़ा ही टूट गया। डॉ. अरोरा के इलाज से राहत न मिलने पर आवेदक ने जबलपुर हॉस्पिटल में कराया, तब जाकर उन्हें राहत मिली। इस पर डॉ. अरोरा के खिलाफ यह मामला दायर किया गया। आवेदक की ओर से अधिवक्ता अरुण जैन और विक्रम जैन ने पैरवी की।
 

Created On :   22 Jan 2020 1:33 PM IST

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