जानिए - सीएम और राज्यपाल के बीच किस बात को लेकर छिड़ी है जंग

Letter war between CM-Governor - koshiyari demanded to call a special session of house
जानिए - सीएम और राज्यपाल के बीच किस बात को लेकर छिड़ी है जंग
महाराष्ट्र में लेटर वॉर जानिए - सीएम और राज्यपाल के बीच किस बात को लेकर छिड़ी है जंग

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बीच एक बार फिर तलवारें खिच गई हैं। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर राज्य में खराब होती कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए विधानमंडल का दो दिवसीय विशेष अधिवेशन बुलाने की मांग की, तो मुख्यमंत्री ने चार पेज लंबा पत्र लिख कर राज्यपाल की मांग को खारिज कर दिया। साथ ही देश में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर चर्चा करने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर डाली। साकीनाका बलात्कार व हत्या की पृष्ठभूमि में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा पत्र लिखे जाने के कुछ दिनों बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने साढ़े तीन पेज के जवाबी पत्र में कहा कि राज्यपाल को महिलाओं की सुरक्षा और उन पर बढ़ते हमलों से जुड़े मुददों पर चर्चा के लिए संसद का सत्र बुलाने का केंद्र से अनुरोध करना चाहिए। ठाकरे ने राज्यपाल को लिखे अपने पत्र में कोश्यारी के गृहराज्य उत्तराखंड सहित भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के आंकड़ेदिए।उन्होंने कहा कि राज्यपाल द्वारा इस तरह के निर्देश से एक नया विवाद पैदा हो सकता है, लोकतांत्रिक संसदीय प्रक्रियाओं को नुकसान हो सकता है।

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कोश्यारी ने हालही में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राज्य विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने को कहा था। ठाकरे ने अपने पत्र में कहा है किउन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के बारे में कोश्यारी की चिंताओं का संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि मुंबई की साकीनाका घटना की पृष्ठभूमि में महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के संबंध में, मैं आपकी भावनाओं को समझ सकता हूं। आपकी आत्मा एक राजनीतिक कार्यकर्ता की है। हालांकि, आपके द्वारा दिए गए निर्देश से एक नया विवाद पैदा हो सकता है। ठाकरे ने लिखा है कि यह संसदीय लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के लिए हानिकारक है कि राज्यपाल भी वही मांग करते हैं, जो राज्य सरकार का विरोध करने वाले कर रहे हैं। राज्य ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठा रहा है। मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि आपका गृह राज्य उत्तराखंड, देवभूमि के रूप में भी जाना जाता है। सरकारी आंकड़े दर्शाते हैं कि महिलाओं पर हमलों की घटनाओं में 150 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। क्या वहां विशेष सत्र बुलाया जा सकता है? ठाकरे ने लिखा कि पड़ोसी राज्य गुजरात में पिछले दो साल के दौरान 14,229 महिलाएं लापता हो गयीं। गुजरात पुलिस की रिपोर्ट कहती है कि कम से कम 14 महिलाओं को रोजाना बलात्कार या यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। इतनी अधिक संख्या को देखते हुए, गुजरात में कम से कम एक महीने के सत्र की आवश्यकता है।

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भाजपा कार्यालय बन गया है राजभवनः पटोले

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा महिला सुरक्षा के मुद्दे पर विधानमंडल का दो दिन का विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने गलत बताते हुए आरोप लगाया कि राजभवन भाजपा कार्यालय बन गया है। उन्होंने कहा कि गैरभाजपा सरकारों को राज्यपालों के जरिए अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। देश में अघोषित आपातकाल लागू है। सरकार के खिलाफ जो दिखे उस पर कार्रवाई की जाती है। सोनू सूद का मामला इसका ताजा उदाहरण है। भाजपा ने हर राज्य में किरीट सोमैया जैसे नेता खड़े किए हैं जो मंहगाई, बेरोजगारी, किसानों की समस्या जैसे असली मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाते हैंं। 

Created On :   21 Sept 2021 7:58 PM IST

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