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सरकारी खजाने को समृद्धि करने में भरपूर योगदान दे रहे शराब के शौंकिन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार अक्सर राजस्व घाटा पूरा करने के लिए शराब की कीमतें बढ़ाती रहती है। पर इसका शराब की बिक्री पर कोई असर नहीं होता। पिछले पांच वर्ष के आकड़ों को देखे तो शराब से सरकार को मिलने वाले राजस्व में लगातार बढ़ोतरी हुई है। विधानमंडल में पेश कैग की रिपोर्ट के मुताबिक पांच वर्षों में शराब से मिलने वाले राजस्व में 2 हजार 958 करोड़ 78 लाख की वृद्धि हुई है जबकि वाहनों से मिलने वाले कर में 2450, घरों की खरीद-फोरख्त से मिलने वाले राजस्व में 6939.56 करोड़ और जमीन से मिलने वाले राजस्व में 406.24 करोड़ की वृद्धि हुई है। वर्ष 2015-16 में राज्य उत्पाद शुल्क विभाग से 12469.56 करोड़ राजस्व मिला था जो 2019-20 में बढ़ कर 15428.34 करोड़ हो गया।
शराब की बिक्री से ऐसे बढ़ा राजस्व
2015-16 12469.56 करोड़
2016-17 12287.91 करोड़
2017-18 13449.65 करोड़
2018-19 15320.90 करोड़
2019-20 15428.34 करोड़
Created On :   31 Dec 2021 9:15 PM IST