लॉयड मेटल्स कंपनी ने सरकारी विभागों को नहीं दी बॉयलर हादसे की जानकारी
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर. राज्य के अत्याधिक प्रदूषित घुग्घुस शहर में स्थित लॉयड मेटल्स कंपनी में शुक्रवार 7 अप्रैल को बायलर में विस्फोट हुआ था लेकिन कंपनी ने इस हादसे की जानकारी को छिपाए रखने का प्रयास किया। हालांकि नियमानुसार ऐसा कोई भी हादसा होने पर 24 घंटे के भीतर कारणों के साथ औद्योगिक सुरक्षा व स्वास्थ्य संचालनालय विभाग और नागपुर स्थित डॉयरेक्टर ऑफ स्ट्रीम बॉयलर विभाग को जानकारी देना अनिवार्य होता है किंतु ऐसा नहीं करते हुए मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया गया। इस बीच दैनिक भास्कर में लगातार दो खबरें प्रकाशित होने के बाद लॉयड मेटल्स कंपनी के आला अधिकारियों में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में घटना के तीन दिन बाद सोमवार को चंद्रपुर स्थित औद्योगिक सुरक्षा व स्वास्थ्य संचालनालय को मेल भेजकर इसकी जानकारी दी। इस संबंध में नागपुर स्थित डॉयरेक्टर ऑफ स्ट्रीम बॉयलर विभाग का कहना है कि, ऐसी कई घटनाएं लॉयड मेटल्स कंपनी के घुग्घुस प्लान्ट में हो चुकी हैं। इनमें से कई मामले कंपनी के अधिकारी अंदर ही अंदर दबा देते हैं। जब मीडिया के जरिए यह मामले उजागर होते हैं तो कंपनी हमें जानकारी देने की मात्र खानापूर्ति करती है।
एक कामगार ने बताया कि, सालभर में किसी न किसी कामगार को अपनी जान से हाथ धोना ही पड़ता है। पिछले एक दशक से यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। यहां सुरक्षा व्यवस्था का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जाता। कंपनी के अंदर हमेशा धूल उड़ती रहती है। बरसों पुराना कारखाना जर्जर हो चुका है। कामगारों को अपनी जान जाेखिम में डालकर यहां पर काम करना पड़ता है।
ज्ञात रहे कि, लॉयड मेटल्स कंपनी में 7 अप्रैल को दोपहर के समय तकनीकी खराबी आने से बॉयलर ब्लास्ट होते-होते बचा। सौभाग्य से इसमें से एक हिस्सा लीक हो गया था जिस कारण गर्म हवा निकल गई अन्यथा भीषण हादसा हो जाता जिसमें कई कामगार झुलस सकते थे। सूत्रों ने बताया कि,अब तक संबंधित विभाग का कोई अधिकारी जांच के लिए प्लान्ट में नहीं पहुंचा है।
एक-दूसरे की ओर उंगली दिखा रहे सभी विभाग
इस संबंध में जब औद्योगिक सुरक्षा व स्वास्थ्य संचालनालय विभाग चंद्रपुर के अधिकारियों से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि, यह मामला हमारे अधीन नहीं आता। यह नागपुर स्थित डॉयरेक्टर ऑफ स्ट्रीम बॉयलर विभाग अंतर्गत आता है। इसके बाद नागपुर के उक्त विभाग से संपर्क करने पर बताया कि, यह हमारा विषय नहीं है। इस तरह से दोनों संबंधित विभाग ने एक-दूसरे की ओर उंगली दिखाकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।
हादसे की कोई जानकारी नहीं
संजय मानकर, ज्वाइन डायरेक्टर, डॉयरेक्टर ऑफ स्ट्रीम बॉयलर के मुताबिक मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। जबकि 24 घंटे के अंदर देना चाहिए। अगर बॉयलर से संबधित है तो किलन से जो गर्म गैस निकलती है, गैस पर जो वेस्ट हिट जाती है, उसके उपर प्रेशर पार्ट डालकर बॉयलर चलाते हंै। यानी स्ट्रीम बनाते हैं। ट्यूब को अगर डैमेज है तो फिर वो हमारे तरफ आता है। लेकिन अगर किलन में कुछ है तो आईबीआर में नहीं आता है।
Created On :   14 April 2023 4:08 PM IST