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जनरल टिकट काउंटर्स बंद होने से रिजर्वेशन विंडोज पर लगी लंबी कतारें

यात्रियों ने कहा- ट्रेनों में खाली बर्थ की जानकारी के लिए पूछताछ केन्द्र खोला जाए, डिस्प्ले चलते ही नहीं
डिजिटलय डेस्क जबलपुर । जनरल टिकट की बिक्री शुरू होने की उम्मीद में एक वर्ष बीतने के बाद यात्रियों को उम्मीद थी कि नए साल में हालात बेहतर होने पर जनरल टिकट मिलने शुरू हो जाएँगे, लेकिन उनके हाथ निराशा ही लगी है। टिकट बुकिंग कराने के लिए आरक्षण केन्द्र में लगी लंबी कतारों में घंटों इंतजार करने की परेशानियों का सामना यात्रियों को करना पड़ रहा है। आम दिनों की तरह रविवार को भी सुबह से लेकर शाम तक आरक्षण केन्द्र के सभी 6 टिकट काउंटर्स पर यात्रियों की लंबी लाइन लगी रही, जिससे परेशान यात्रियों ने कहा कि ट्रेनों में खाली बर्थ की जानकारियाँ यात्रियों को देने के लिए रेल प्रशासन को पूछताछ केन्द्र बनाना चाहिए, जिन पर बुकिंग ऑफिस के खाली बैठे कर्मचारियों की ड्यूटी लगानी चाहिए, ताकि वो यात्रियों को रिजर्वेशन फॉर्म की जानकारियाँ भरवाने के साथ किन ट्रेनों में बर्थ खाली है, उसकी जानकारी यात्रियों को दे सकें।
पहले लगते थे 10 मिनट, अब लग रहे 40 से 45 मिनट
रेलवे के सूत्रों का कहना है कि रिजर्वेशन कराने के नियमों में कोरोनाकाल में की गई सख्ती के कारण रिजर्वेशन काउंटर्स पर टिकट बुक कराने वाले यात्रियों की भारी भीड़ दिखाई दे रही है, जिसका कारण रिजर्वेशन फॉर्म में भरी जाने वाली जटिल जानकारियाँ हैं। उन्होंने बताया कि पहले टिकट बुकिंग कराने में करीब 10 मिनट लगते थे, लेकिन अब सीमित गाडिय़ों के चलने, फॉर्म में नाम-पते के साथ गंतव्य स्थान पर संबंधित व्यक्ति का नाम, मोबाइल नम्बर, बेस नम्बर, पिन कोड आदि की जानकारियाँ माँगी जा रही हैं, जिन्हें भरने में यात्रियों के पसीने छूट रहे हैं। आधी-अधूरी जानकारियाँ भरकर लाइन में लगने वाले यात्री जब काउंटर पर पहुँचते हैं तो उनका फॉर्म भरवाने में ही करीब आधा घंटा लग जाता है। कई यात्री जो पढ़े-लिखे नहीं होते उनके लिए तो रिजर्वेशन फॉर्म भरना ही किसी मुसीबत से कम नहीं है।
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।