नीचे घाट तक वाहन ले जाने की होड़ में पूरे दिन जाम से जूझता रहा ग्वारीघाट, सैकड़ों वाहनों के धुएँ से माँ नर्मदा प्रदूषित

Maar Narmada polluted by smoke of hundreds of vehicles, guarighat battling with jam for whole day
नीचे घाट तक वाहन ले जाने की होड़ में पूरे दिन जाम से जूझता रहा ग्वारीघाट, सैकड़ों वाहनों के धुएँ से माँ नर्मदा प्रदूषित
नीचे घाट तक वाहन ले जाने की होड़ में पूरे दिन जाम से जूझता रहा ग्वारीघाट, सैकड़ों वाहनों के धुएँ से माँ नर्मदा प्रदूषित

अवकाशों  में नर्मदा तटों के हालात होते हैं बदतर, ट्रैफिक पुलिस पार्किंग में नहीं खड़े कराती वाहन, अव्यवस्थाओं से बिगड़े तटों के हालात
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
क्रिसमस का अवकाश और ग्वारीघाट में नीचे तक वाहन ले जाने की होड़। लोगों की जिद और उमड़ी भीड़ के कारण माँ नर्मदा का आँचल पूरे दिन वायु और ध्वनि प्रदूषण से कराहता रहा। जिम्मेदार बेसुध रहे। सुबह से ही ग्वारीघाट में जाम लगना शुरू हो गया था, जो दिन भर रुक रुककर कई बार लगता रहा। दोपहिया-चारपहिया वाहनों के कारण हुई अव्यवस्था से श्रद्धालुओं का पैदल चलना दुश्वार हो गया। 
हर सप्ताह बनते हैं ऐसे हालात
ऐसा लगभग हर शनिवार रविवार और अन्य अवकाश के दिनों में होता है। आज और कल भी होगा। लेकिन प्रशासन, ट्रैफिक और थाना पुलिस को इससे कोई सरोकार नहीं होता। सब एक दूसरे पर जिम्मेदारी का बोझ डाल अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। इधर बेरोक टोक नीचे नाव घाट तक वाहन ले जाना लोग अपनी शान समझते हैं। इसका नतीजा जाम के रूप में अन्य श्रद्धालुओं को भुगतना पड़ता है। जबकि ये तय हुआ था कि अवकाश के दिनों में स्वामी पगलानंद स्वामी आश्रम के सामने मौजूद मैदान में यहाँ आने वालों के वाहन पार्क कराए जाएँगे। उसके बाद श्रद्धालुओं को पैदल ही तटों तक जाना होगा। लेकिन इस व्यवस्था पर तो न जाने कब से इति श्री लग चुकी है।
पैरों को कष्ट नहीं देना चाहते
अभी जो नजारा ग्वारीघाट का है उसके मुताबिक यहाँ पहुँचने वाले श्रद्धालु माँ नर्मदा के दर्शन व पूजन करना तो चाहते हैं लेकिन अपने पैरों को जरा भी कष्ट नहीं देना चाहते। कुछ तो ऐसे होते हैं जो नाव घाट में नीचे ढलान तक वाहन ले जाकर माँ नर्मदा से सिर्फ 10 से 12 कदम की दूरी पर ही वाहन खड़ा करते हैं। यहाँ मौज्ूद दुकानों में  गक्कड़ भर्ता, चाय पकौड़े आदि का आनंद उठाते हुए डेढ़ से दो घंटे बाद रवानगी लेते हैं। ऐसे कई वाहनों की लंबी कतारें लगती जाती हैं जो जाम का स्वरूप ले लेती हैं।

Created On :   26 Dec 2020 2:50 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story