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रेलवे की प्रक्रिया में अटका मदन महल केबल स्टे ब्रिज, 6 माह में नहीं मिल सकी अनुमति
लेटलतीफी - अब इंजीनियरिंग शाखा बंद है जब चालू होगी तब होगा विचार, दमोहनाका-मदन महल फ्लाईओवर के बीच में बनना है पुल
डिजिटल डेस्क जबलपुर । दमोहनाका-मदन महल फ्लाईओवर का काम जैसे-तैसे चालू तो है लेकिन इसी फ्लाईओवर के बीच में मदन महल रेलवे स्टेशन के ऊपर जो केबल स्टे ब्रिज बनना है उसका कार्य अब तक आरंभ नहीं हो सका है। लोक निर्माण विभाग का काम आरंभ न हो पाने के पीछे का कारण यह बताया जा रहा है कि रेलवे ने अभी तक इसके निर्माण की अनुमति नहीं दी है। रेलवे के पास छह माह पहले संरचना यानी जैसा निर्माण होना है उसके पूरे दस्तावेज दिए गए, लेकिन इस पर अभी तक विचार नहीं किया गया है। पूर्व की अनुमति को रेलवे ने निरस्त कर दिया और नई एनओसी नई संरचना के अनुसार माँगी पर इसको किसी तरह से अप्रूवल नहीं दिया है। इस तरह शहर में बनने वाले पहला केबल स्टे ब्रिज कई महीनों से खटाई में पड़ा है। जिस गौर तलब है फ्लाईओवर का निर्माण 36 माह में पूरा किए जाने की लिमिट है। यही लिमिट इस केबल स्टे ब्रिज के लिए निर्धारित है। बीच के हिस्से की एनओसी न मिल पाने का बहाना कई सालों तक इस प्रोजेक्ट को आगे भी खींच सकता है। वैसे भी यह फ्लाईओवर अब तक 70 फीसदी बनकर तैयार हो जाना था पर इसकी टेण्डर प्रक्रिया सालों साल चलती रही, जिससे इसका निर्माण देरी से आरंभ हो सका। अभी इसके निर्माण एरिया में 300 निर्माण की बाधाएँ बताई जा रही हैं। जानकारों का कहना है कि बजट का कोई रोना नहीं अधिकारियों के रवैये से बड़ा प्रोजेक्ट अपनी पूरी गति पर नहीं आ पा रहा है।
नहीं हो सकी बैठक
रेलवे और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की केबल स्टे ब्रिज को लेकर एक बैठक होने वाली थी, लेकिन रेलवे इंजीनियरिंग शाखा का ऑफिस बंद होने से यह बैठक नहीं हो सकी। रेलवे ने इसके लिए अब लॉकडाउन के बाद आगे मीटिंग करने का समय दिया है। लोक निर्माण के ईई गोपाल गुप्ता के अनुसार अभी विशेष अनुमति कार्य के लिए मिली है उसी के अनुसार बैठक होना थी पर इंजीनियरिंग शाखा बंद होने से चर्चा नहीं हो सकी। उम्मीद यही है कि रेलवे जल्द इस केबल स्टे ब्रिज निर्माण की अनुमति देगा।
Created On :   30 May 2021 5:10 PM IST