मदन महल स्टेशन - हाल-बेहाल, बैठने को कुर्सियाँ तक नहीं बचीं - प्लेटफॉर्म पर फैला मलबा, यात्री हो रहे परेशान

Madan Mahal Station - Hall-ravaged, no seating left for chairs - debris spread on the platform
मदन महल स्टेशन - हाल-बेहाल, बैठने को कुर्सियाँ तक नहीं बचीं - प्लेटफॉर्म पर फैला मलबा, यात्री हो रहे परेशान
मदन महल स्टेशन - हाल-बेहाल, बैठने को कुर्सियाँ तक नहीं बचीं - प्लेटफॉर्म पर फैला मलबा, यात्री हो रहे परेशान

डिजिटल डेस्क जबलपुर । पिंक स्टेशन मदन महल को आधुनिक बनाए जाने को लेकर यात्रियों में खुशी दिखाई दे रही है, लेकिन जिस लापरवाही से निर्माण कार्य किए जा रहे हैं, वो ट्रेनों में सवार होने वाले यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं। स्टेशन के प्लेटफॉर्म नं. 1 को तोड़कर उसकी लंबाई और चौड़ाई बढ़ाई जा रही है, जिसकी वजह से खुदाई के बाद जो मलबा निकल रहा है, उसे ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा प्लेटफॉर्म पर फैला दिया गया है और कहीं-कहीं तो कुर्सियों पर भी मलबा डाल दिया गया है, जिसकी वजह से ट्रेनों का इंतजार करने वाले यात्री कुछ देर बैठने और आराम करने के लिए भी मोहताज दिखाई दे रहे हैं। गौरतलब है कि कोरोना के संक्रमण के मामले सामान्य होने के बाद मुख्य स्टेशन और भोपाल से आने और जानेे वाली सभी गाडिय़ाँ मदन महल रेलवे स्टेशन पर रुक रही हैं, जिसमें बड़ी संख्या में यात्री सवार हो रहे हैं। 
फिसलने का भी डर - मदन महल अंबिकापुर स्पेशल के यात्रियों मोनू कोरी, घनश्याम धुर्वे ने बताया कि स्टेशन को टर्मिनल के रूप में विकसित किया जा रहा है, लेकिन ठेकेदार के कर्मचारी लापरवाहीपूर्वक काम कर रहे हैं। उन्होंने खुदाई के बाद मलबा प्लेटफॉर्म पर डाल दिया है, ऐसे मेें जब यात्री प्लेटफॉर्म नं.-1 और 3 पर ट्रेन पकडऩे के लिए पहुँचते हैं, मलबे के कारण उन्हें चलने में परेशानी होती है और कई जगह मिट्टी और गिटटी की वजह से फिसलने का भी डर बना रहता है। उन्होंने बताया कि पिछले एक महीने में प्लेटफॉर्म पर फैले मलबे की शिकायत स्टेशन अधिकारियों से की जा चुकी है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। 

Created On :   23 Dec 2020 2:54 PM IST

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