महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव : मैदान से गायब हुए 36 उम्मीदवार,प्रचार में नहीं आ रहे नजर

Maharashtra assembly election 36 candidates not seen in campaign
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव : मैदान से गायब हुए 36 उम्मीदवार,प्रचार में नहीं आ रहे नजर
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव : मैदान से गायब हुए 36 उम्मीदवार,प्रचार में नहीं आ रहे नजर

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  कहा जाता है कि चुनाव में कुछ उम्मीदवारों को खड़ा किया जाता है, तो कुछ को करवाया जाता है। यही हाल नागपुर की 12 सीटों पर नजर आ रहा है। विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन भरने के बाद 36 उम्मीदवार कहां गए, इसका पता नहीं चल पा रहा है। न तो वे सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं और न ही प्रचार में कहीं दिख रहे हैं। उनका पता लगाने के लिए मीडिया मॉनिटरिंग सर्टिफिकेशन कमेटी सोशल मीडिया के विविध माध्यमों के जरिए ट्रैक कर रही है। शायद कहीं से लिंक मिल जाए।

कोई अता-पता नहीं
नागपुर जिले की 12 विधानसभा सीटों के लिए 205 उम्मीदवारों ने नामांकन दर्ज किए थे। इसमें से 27 उम्मीदवारों के नामांकन रद्द किए गए थे। नामांकन वापसी के अंतिम दिन तक 32 लोगों ने नाम वापस लिए थे। इसके बाद 146 उम्मीदवार मैदान में डटे हैं। विशेष यह कि इन सभी को नामांकन के साथ अपना सोशल मीडिया अकाउंट भी देना था, ताकि चुनाव प्रशासन पर उनपर नजर रख सके। लेकिन 36 उम्मीदवार ऐसे निकले, जिन्होंने अपना सोशल मीडिया अकाउंट ही नहीं दिया है। ऐसे में उनके प्रचार का अता-पता नहीं चल पा रहा है। न तो किसी ग्रुप से कनेक्ट दिख रहे हैं और न किसी इलाके में प्रचार में नजर आ रहे हैं। 

औपचारिकता निभा रहे प्रतिनिधि
 इन उम्मीदवार के प्रतिनिधि औपचारिकता निभाते हुए चुनाव खर्च का ब्योरा देने जरूर पहुंच रहे हैं। खर्च का ब्योरा भी नाममात्र दिखाया गया है। किसी ने पांच हजार तो किसी ने 10 हजार का खर्च बताया है। लेकिन जमीन और सोशल मीडिया में कहीं उपस्थिति नहीं है। ऐसे में ये कई सवालों को जन्म दे रहे है। किसके इशारे या किस मकसद से खड़े होने के आरोप भी लग रहे हैं।

निजी कंपनी को निगरानी का जिम्मा
सोशल मीडिया पर निगरानी रखने के लिए मीडिया मॉनिटरिंग सर्टिफिकेशन कमेटी बनाई गई है। इसके अंतर्गत प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए तीन सब-कमेटी का गठन किया गया है। फिलहाल प्रशासन के पास ऐसे एक्सपर्ट नहीं है कि वे सोशल मीडिया की बारीकियों पर ध्यान दे सकें। इसके लिए निजी कंपनी ट्रिप्टी फॉरेंसिक एजेंसी को काम दिया गया है। वह रोजाना उम्मीदवार के सोशल अकाउंट चेक कर उनकी मॉनिटरिंग करती है। कहीं कोई आपत्तिजनक पोस्ट दिखने पर तत्काल चुनाव प्रशासन को सूचना दी जाती है, जिसकी जांच कर कार्रवाई की जाती है।

जो अकाउंट दर्ज नहीं, उस पर भी नजर 
नामांकन फार्म में जो अकाउंट दर्ज नहीं है, ऐसे अकाउंट पर भी नजर रखी जा रही है। अनेक उम्मीदवार अपने अधिकृत अकाउंट के अलावा अन्य ग्रुप के जरिये भी प्रचार कर रहे हैं। अधिकृत अकाउंट पर प्रचार का खर्च उम्मीदवार के खर्च में जोड़ा जाता है। इस कारण उम्मीदवार या उनके समर्थक अन्य अकाउंट का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके लिए निजी कंपनी संबंधित अकाउंट के लिंक अन्य से भी जोड़कर देखी जा रही है कि कहीं कोई अन्य अकाउंट का इस्तेमाल तो नहीं कर रहे हैं। ऐसा दिखने पर तुरंत वह खर्च उम्मीदवार के खर्च में जोड़ा जा रहा है।

आपत्तिजनक पोस्ट पर 2 एफआईआर, 1 शिकायत
सोशल मीडिया ग्रुप पर फिलहाल आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर सख्ती बरती जा रही है। इस मामले में अब तक दो एफआईआर दर्ज की गई है। सदर थाने में एक कांग्रेस कार्यकर्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया तो दूसरा दक्षिण नागपुर में निर्दलीय उम्मीदवार किशोर कुमेरिया की शिकायत पर एक भाजपा कार्यकर्ता के खिलाफ सक्करदरा में एफआईआर दर्ज की गई है। उत्तर नागपुर से वंचित बहुजन आघाड़ी के उम्मीदवार विनय भांगे ने सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ आपत्तिजनक पोस्टर शेयर करने की शिकायत दर्ज की है।
 

Created On :   16 Oct 2019 7:04 AM GMT

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