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मराठा आरक्षण के लिए 10 अक्टूबर को महाराष्ट्र बंद
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आरक्षण की मांग को लेकर आक्रामक हुए मराठा समाज ने 10 अक्टूबर को "महाराष्ट्र बंद’ की चेतावनी दी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा से मराठा आरक्षण पर रोक लगाए जाने के बाद बुधवार को कोल्हापुर में मराठा समाज की तरफ से गोलमेज परिषद का आयोजन किया गया। इसमें राज्य के 29 जिलों से मराठा समाज के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। गोलमेज परिषद में मराठा आरक्षण पर लगी रोक को हटाने समेत समाज की विभिन्न मांगों को लेकर 15 प्रस्ताव मंजूर किए गए। पत्रकारों से बातचीत में मराठा आरक्षण संघर्ष समिति के सुरेशदादा पाटील ने 10 अक्टूबर को महाराष्ट्र बंद करने की चेतावनी दी। पाटील ने कहा कि राज्य सरकार 9 अक्टूबर तक बताए कि मराठा समाज के लिए घोषित योजनाओं को कैसे लागू किया जाएगा और मराठा समाज की मांगों को कैसे पूरा किया जाएगा। इसके बाद हमें सरकार का आश्वासन संतोषजनक लगेगा तो हम महाराष्ट्र बंद को वापस ले लेंगे यदि सरकार के वादे हमें असमाधानकारक लगे तो 10 अक्टूबर को मराठा समाज सड़क पर नजर आएगा।
पाटील ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने मराठा समाज के लिए विभिन्न योजनाओं के जरिए लगभग 1210 करोड़ रुपए देने को मंजूरी दी है। मराठा समाज को यह राशि कब और कैसे दी जाएगी इस बारे में सरकार खुलासा करें। सरकार राज्य में सरकारी नौकरियों में भर्ती रोकने, विद्यार्थियों की फीस प्रतिपूर्ति देने और छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक का काम शुरू करने के बारे में स्पष्टीकरण दें क्योंकि इससे पहले भी हमने कई घोषणाए होते सुनी हैं। सरकार घोषणा करती है लेकिन बजट में प्रावधान नहीं होता है। पाटील ने कहा कि मराठा आरक्षण मिलने तक राज्य में "एक मराठा, लाख मराठा’ के नाम से राज्य भर में आंदोलन शुरू रहेगा। पाटील ने कहा कि यदि ओबीसी समाज अपने कोटे में मराठा समाज को शामिल करने के लिए तैयार है तो हम उनका दिल से आभार व्यक्त करेंगे। अगर ओबीसी समाज को एतराज होगा तो मराठा समाज ओबीसी आरक्षण में हिस्सा नहीं मांगेगा। मराठा संगठन के एक प्रतिनिधि ने कहा कि सरकार ने 9 अक्टूबर तक मराठा समाज को ठोस आश्वासन नहीं दिया तो हम लोग सबसे पहले पुलिस भर्ती की घोषणा करने वाले राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग करेंगे। इसके बाद हम 10 अक्टूबर से राज्य के मंत्रियों के खिलाफ आंदोलन करेंगे।
ओबीसी कोटे से मराठा आरक्षण के खिलाफः वडेट्टीवार
राज्य के कैबिनेट मंत्री विजय वडेट्टीवार ने कहा है कि हम मराठा आरक्षण के विरोध में नहीं हैं पर ओबीसी आरक्षण में से मराठा आरक्षण देने के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 52 फीसदी ओबीसी हैं पर उन्हें जनसंख्या में तुलना में कम आरक्षण मिल रहा है। फिलहाल इस समाज को 27 फीसदी आरक्षण दिया गया है, जिसमें विमुक्त घूमंतु जातियों को 8 फीसदी आरक्षण दे दिया गया है। अब ओबीसी समाज के लिए केवल 19 फीसदी आरक्षण बचा है। इसमें से मराठा समाज को आरक्षण देने से ओबीसी समाज की आर्थिक हालत और खऱाब हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार से मिलकर ओबीसी समाज के लिए नई योजनाएं शुरु करने की मांग करेंगे। इसके पहले राकांपा सांसद अमोल कोल्हे ने संसद में कहा था कि ओबीसी समाज ओबीसी कोटे में से मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए अपना मन बड़ा करे। वडेट्टीवार ने कहा कि मैं कोल्हे के मत से सहमत नहीं हूं।
Created On :   23 Sept 2020 7:35 PM IST