महकमों में सैलरी बांटने महाराष्ट्र सरकार को लेना पड़ सकता है कर्ज

Maharashtra government may have to take loan to distribute salary among the departments
महकमों में सैलरी बांटने महाराष्ट्र सरकार को लेना पड़ सकता है कर्ज
महकमों में सैलरी बांटने महाराष्ट्र सरकार को लेना पड़ सकता है कर्ज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण मंत्री विजय वडेट्टीवार ने कहा है कि सरकार पर अगले महीने में कर्मचारियों को वेतन देने के लिए कर्ज लेने की नौबत आ सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग, मदद व पुनर्वसन विभाग के अलावा दो अन्य विभागों को छोड़कर बाकी सभी विभागों के कर्मचारियों के वेतन एकमुश्त के बजाय चरण बद्ध तरीके देने के लिए फैसला लेना पड़ सकता है। लेकिन कोरोना की लड़ाई में योद्धा के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन में कटौती नहीं की जाएगी। इस बारे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार फैसला लेंगे। गुरुवार को वडेट्टीवार ने पुणे में छत्रपति शाहू महाराज अनुसंधान, प्रशिक्षण और मानव विकास संस्था (सारथी) के कामकाज की समीक्षा के लिए बैठक की। बाद में पत्रकारों से बातचीत में वडेट्टीवार ने कहा कि हाल के दिनों में सारथी संस्था को लेकर गलतफहमी हुई थी लेकिन मैं विश्वास के साथ कहना चाहता हूं कि मराठा समाज के लिए सारथी संस्था का काम शुरू रहेगा। वडेट्टीवार ने कहा कि सारथी संस्था को लेकर कुछ लोग जानबूझकर महाविकास आघाडी सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं बाद में बताऊंगा कि इसके पीछे कौन हैं। वडेट्टीवार ने बताया कि सारथी संस्था के जरिए पढ़ने वाले छात्रों की छात्रवृत्ति बकाया है। सरकार के पास पैसे की कमी के चलते सभी विभागों में कटौती शुरू है। इसलिए छात्रवृत्ति का बकाया पैसा भी थोड़ी देरी से सही, लेकिन दिया जाएगा। वडेट्टीवार ने कहा कि 500 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति पांच सालों तक दी जाएगी। प्रति विद्यार्थी पांच सालों में 22 लाख रुपए खर्च होंगे। फिर भी योजना को बंद नहीं किया जाएगा।

वडेट्टीवार ने कहा कि यूपीएससी, एमपीएससी और अन्य प्रतियोगिता परीक्षा के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति मिलती रहेगी। वडेट्टीवार ने कहा कि मराठा समाज के युवाओं को ज्यादा रोजगार मिलने की दृष्टि से कौशल्य विकास का प्रशिक्षण देने पर जोर रहेगा। मराठा समाज की युवतियों को पुलिस भर्ती के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। वडेट्टीवार ने कहा कि मेरी अपेक्षा है कि हर साल कम से कम पांच हजार विद्यार्थियों को ट्रेनिंग दी जाए। सारथी में एक प्लेसमेंट डेस्क बनाया जाएगा। इससे सरकारी विभागों और निजी क्षेत्रों के उद्योगों में सृजन होने वाले रोजगार के बारे में जानकारी मिल सकेगी। वडेट्टीवार ने कहा कि सारथी संस्था को वेतन और अन्य कामों के लिए 38 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। इसलिए राज्य मंत्रिमंडल की अगली बैठक में सारथी संस्था को पैसे देने की मांग की जाएगी। 

नहीं जाएगी किसी की नौकरी 

वडेट्टीवार ने कहा कि सारथी संस्था में किसी कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकाला है। सारथी संस्था के तत्कालीन प्रबंध निदेशक डी आर परिहार ने जिन कर्मचारियों को नियुक्त किया है वह लोग अपने आप नौकरी छोड़कर गए हैं। इसलिए अब नई नियुक्ति के आदेश दिए गए हैं। आवश्यकता के अनुसार भर्ती की जाएगी। वडेट्टीवार ने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में सारथी में हुई अनियमितता की जांच के लिए सामान्य प्रशासन विभाग (सेवा) के अतिरिक्त मुख्य सचिव सीताराम कुंटे की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। राज्य मंत्रिमंडल ने कुंटे को जांच का अधिकार दिया है। इसी बीच वडेट्टीवार ने कहा कि कोरोना की लड़ाई आसान नहीं है। सभी विशेषज्ञ बता रहे हैं दिसंबर महीने तक यह स्थिति रहेगी। 
 

Created On :   2 July 2020 2:25 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story