गोदावरी नदी के प्रदूषण के लिए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करें महाराष्ट्र सरकार एनजीटी के निर्देश  

Maharashtra government should take action against officials responsible for pollution of Godavari river
गोदावरी नदी के प्रदूषण के लिए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करें महाराष्ट्र सरकार एनजीटी के निर्देश  
गोदावरी नदी के प्रदूषण के लिए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करें महाराष्ट्र सरकार एनजीटी के निर्देश  

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने नासिक के त्र्यंबकेश्वर में अनुपचारित सीवेज जल को सीधे गोदावरी नदी में बहाने के मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ उपचारात्मक कार्रवाई करने के महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिए हैं। साथ ही एनजीटी ने अधिकारियों पर की गई कार्रवाई के अनुपालन में अगले साल फरवरी से पहले एक हलफनामा दाखिल करने को भी कहा है। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) ने इस मामले में 27 अक्टूबर को एक रिपोर्ट प्रस्तुत कर एनजीटी को बताया था कि1 एमएलडी की क्षमता वाले मौजूदा सीवेज ट्रीटमेंट प्लाट (एसटीपी) की अस्थायी तौर पर बिजली बाधित होने के कारण संचयन नही हो पाया है। एसटीपी के संचालन के लिए बिजली की कोई बैकअप सुविधा भी नहीं है। हालांकि इससे पहले 26 दिसंबर 2019 को एनजीटी को प्रस्तुत रिपोर्ट में एमपीसीबी ने प्रदूषण के लिए त्र्यंबेकेश्वर नगर परिषद की विफलता बताया था।  

बीते बुधवार को सुनवाई के दौरान एनजीटी ने एमपीसीबी की रिपोर्ट में बताई गई कमियों पर नाखुशी जाहिर करते हुए प्रदूषण को लेकर दिए जा रहे अलग-अलग कारणों के लिए जमकर खिंचाई भी की। साथ ही इस मामले में उल्लंघनकर्ताओं की व्यक्तिगत जबाबदेही तय करने में राज्य प्रशासन की विफलता पर भी एनजीटी ने फटकार लगाई। एनजीटी ने कहा है कि नगर परिषद बार-बार कह रहा है कि वे डीपीआर तैयार करने के लिए कुछ सलाहकरों के साथ बैठक करेंगे, लेकिन यह कहकर वे इस तरह कानून के निरंतर उल्लंघनों को सही नहीं ठहरा सकते हैं।

Created On :   30 Oct 2020 1:44 PM GMT

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