बगैर ओबीसी आरक्षण चुनाव रोकने मध्यप्रदेश  की तर्ज पर विधेयक लाएगी महाराष्ट्र सरकार 

Maharashtra government will bring a bill on the lines of Madhya Pradesh to stop elections without OBC reservation
बगैर ओबीसी आरक्षण चुनाव रोकने मध्यप्रदेश  की तर्ज पर विधेयक लाएगी महाराष्ट्र सरकार 
दोनों सदनों में पेश होगा बिल  बगैर ओबीसी आरक्षण चुनाव रोकने मध्यप्रदेश  की तर्ज पर विधेयक लाएगी महाराष्ट्र सरकार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सुप्रीम कोर्ट से लगे झटके के बाद प्रदेश की महाविकास आघाड़ी सरकार ने मध्यप्रदेश सरकार के तर्ज पर एक विधेयक लाने का फैसला किया है। इस विधेयक को विधानमंडल के दोनों सदनों में सोमवार को पेश किया जाएगा। इससे स्थानीय निकायों के चुनाव के लिए प्रभाग रचना (वार्ड) तैयार करने का अधिकार राज्य सरकार को मिल सकेगा। शुक्रवार को विधान परिषद में उपमुख्यमंत्री अजित पवार कहा कि महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण बहाल होने तक स्थानीय निकायों के चुनाव नहीं होंगे। देर शाम हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मध्यप्रदेश के तर्ज पर तैयार किए गए विधेयक के प्रारूप को मंजूरी दी गई। इस विधेयक को दोनों सदनों में सर्वसहमति से पारित कराने के लिए भाजपा ने सहमति दी है। फिलहाल प्रभाग रचना करने का अधिकार राज्य चुनाव आयोग के पास है। हालांकि स्थानीय निकायों का चुनाव कराने का अधिकार राज्य चुनाव आयोग के पास बरकरार रहेगा। नए विधेयक के मंजूर होने के बाद राज्य चुनाव आयोग सरकार से प्रभाग रचना का प्रारूप लिए बिना चुनाव नहीं करा सकेगा। इससे राज्य में ओबीसी आरक्षण बहाल होने तक स्थानीय निकायों के चुनाव टालना संभव हो सकेगा। 

कार्यकाल खत्म होने पर नियुक्त होंगे प्रशासक 

जिन स्थानीय निकायों का पांच साल का कार्यकाल खत्म होगा वहां पर प्रशासक नियुक्त किए जाएंगे। इससे पहले विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर कार्य स्थगन का प्रस्ताव लिया। इस पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने स्थानीय निकायों के प्रभाग रचना करने का अधिकार अपने पास लिया है। इसी तर्ज पर महाराष्ट्र सरकार ने एक विधेयक तैयार किया है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि शीतकालीन अधिवेशन में सरकार ने ओबीसी आरक्षण कायम हुए बिना स्थानीय निकायों के चुनाव न कराने के लिए प्रस्ताव पारित किया था। लेकिन राज्य चुनाव आयोग ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। अजित ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग स्वायत्त संस्था है। इसलिए हमें राज्य चुनाव आयोग पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ओबीसी आरक्षण बहाल न करने को लेकर राज्य सरकार पर किसी का दबाव नहीं है। सरकार किसी के दबाव को महत्व नहीं देती। 

तभी चुनाव करा सकेगा आयोग 

बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विधेयक मंजूर होने के बाद सरकार स्थानीय निकायों के चुनाव के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रभाग रचना तैयार कर देने के बाद ही राज्य चुनाव आयोग स्थानीय निकायों का चुनाव करा सकेगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी समय में राज्य के लगभग 75 प्रतिशत स्थानीय निकायों में चुनाव होने हैं। इसमें से जिन स्थानीय निकायों की अवधि खत्म होगी वहां पर प्रशासक नियुक्त किए जाएंगे। महानगर पालिकाओं में वर्तमान आयुक्त ही प्रशासक नियुक्त होंगे। जिला परिषद में वर्तमान मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ही प्रशासक होंगे। 

चुनाव तारीख तय करने का अधिकार अपने पास ले सरकारः फडणवीस

दूसरी ओर विधान भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि स्थानीय निकायों के चुनाव की तारीख तय करने का अधिकार राज्य चुनाव आयोग को होना चाहिए। लेकिन फिलहाल ओबीसी आरक्षण नहीं होने से एक विशेष परिस्थिति पैदा हो गई है। इससे राज्य सरकार चुनाव की तारीख तय करने का अधिकार अपने पास लें। महाराष्ट्र सरकार मध्यप्रदेश की तर्ज पर संबंधित कानून में संशोधन करें। फडणवीस ने कहा कि सरकार दो महीने में एम्पिरिकल डेटा तैयार करें। इसके बाद स्थानीय निकायों के चुनाव कराए। इसके पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण बहाल करने की सिफारिश वाली अंतरिम रिपोर्ट को अस्वीकार कर दिया था। शीर्ष कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई थी। साथ ही स्थानीय निकायों के चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के कराने के निर्देश दिए थे। 


 

Created On :   4 March 2022 7:01 PM IST

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