भीमा कोरेगांव हिंसा मामला : महाराष्ट्र पुलिस का दावा- सरकार गिराना चाहते थे गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता

Maharashtra Police claim arrested social workers planed to demolish Government
भीमा कोरेगांव हिंसा मामला : महाराष्ट्र पुलिस का दावा- सरकार गिराना चाहते थे गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता
भीमा कोरेगांव हिंसा मामला : महाराष्ट्र पुलिस का दावा- सरकार गिराना चाहते थे गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र पुलिस ने  बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले व माओवादियों से कथित संबंधो को लेकर गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई माओवादी) के साथ मिलकर सरकार गिराने के लिए दलितो को संगठित कर रहे थे। पुणे के सहायक पुलिस आयुक्त शिवाजी पवार की ओर से दायर किए हलफनामे में यह दावा किया गया है।

हाईकोर्ट में महाराष्ट्र पुलिस का दावा

पावर ने यह हलफनामा भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार अरुण फरेरा की जमानत के विरोध में दायर किया है। फरेरा के अलावा पुलिस ने इस मामले में आठ अारोपियों को गिरफ्तार किया है जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता पी. वरवरा राव, सुधा भारद्वाज, वरने गोंसालविस व गौतम नवलखा सहित अन्य लोगों का समावेश है। हलफनामे में दावा किया गया है कि फरेरा व अन्य गिरफ्तार आरोपी प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के वरिष्ठ सदस्य हैं। जो सीपीआई के उस उद्देश्य का समर्थन कर रहे थे जिसका लक्ष्य कानून द्वारा स्थापित सरकार को उखाड फेकना था। इसके लिए वे पंरपरागत राष्ट्रद्रोह करने की बजाय बड़े पैमाने पर खास तौर से दलितों को उनके ऊपर हो रहे अत्याचार के नाम पर संगठित कर रहे थे। 

सरकार गिराना चाहते थे गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता

फरेरा व गोंसालविस ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में आवेदन दायर किया है। बुधवार को न्यायमूर्ति पीएन देशमुख के सामने दोनों जमानत आवेदन सुनवाई के लिए आए। चूंकी पुलिस ने अब तक गोंसालविस के आवेदन पर हलफनामा नहीं दायर किया है। इसलिए न्यायमूर्ति ने मामले की सुनवाई 5 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी है। 

Created On :   13 March 2019 2:34 PM GMT

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