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4 अक्टूबर से खुल सकेंगे स्कूल और दीपावली बाद कॉलेज
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संकट के बीच प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में 5 वीं से 12 वीं तक के स्कूल 4 अक्टूबर से शुरू हो जाएंगे। जबकि शहरी इलाकों में 8 वीं से 12 वीं तक के स्कूल भी इसी दिन से चालू होंगे। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य के स्कूली शिक्षा विभाग के स्कूलों को शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। प्रदेश की स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। गायकवाड ने कहा कि स्कूल शुरू होने के बावजूद ऑनलाइन शिक्षा जारी रहेगी।स्कूल में विद्यार्थियों को अभिभावकों को बिना सहमति के नहीं बुलाया जा सकेगा। विद्यार्थियों को अभिभावकों की सहमति से हीस्कूलों में बुलाना होगा। स्कूलों में विद्यार्थियों की नियमित कक्षा में आने और परीक्षा के लिए हाजिरी अनिवार्य नहीं होगी।स्कूल में आने वाले विद्यार्थियों के तापमान की नियमित जांच होगी। स्कूलों में विद्यार्थियों के खेलकूद के लिए मनाही होगी। गायकवाड ने कहा कि कोरोना के चलते विद्यार्थी स्कूल में पैदल अथवा अपने अभिभावक के वाहनों से आएं। विद्यार्थियोंसार्वजनिक परिवहन सेवा अथवा बसों के इस्तेमाल से बचना चाहिए। गायकवाड ने कहा कि किसी स्कूल में यदि कोई बच्चा बीमार अथवा कोरोना संक्रमित होता है तो उसके लिए स्थानीय डॉक्टरों की मदद से आइसोलेशन सेंटर बनाया जाएगा। हर स्कूल को स्वास्थ्य केंद्रों से जोड़ने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को टीकाकरण पूरा करने को कहा गया है। स्कूली शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूलों को शुरू करने के लिए ग्रामीण इलाकों के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। जबकि शहरी इलाकों में मनपा आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। इसलिए स्कूल शुरू करने के लिए इन अफसरों की सहभागिता होगी। गायकवाड ने कहा कि स्कूली शिक्षा विभाग ने राज्य के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की टॉस्क फोर्सके सलाह के अनुसार स्कूल खोलने के लिए संशोधितमानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार किया है।
इन नियमों का कहना होगा पालन
इसके अनुसार विद्यार्थियों के स्कूल से घर आने पर यूनिफार्म को निलाकर उसको धोने के लिए रखने, नए कपड़े पहनने, समाजिक दूरी बनाए रखने के नियमों का पालन करने, साफ सफाई रखने और कोरोना के नियमों का पालन करने के बारे में विभिन्न सुझाव दिए गए हैं। इन सभी सुझावों का पालन स्कूल शुरू करते समय किया जाएगा। गायकवाड ने कहा कि फिलहाल स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन आने वाले स्कूलों को शुरू करने का फैसला लिया गया है। राज्य के आदिवासी और सामाजिक न्याय विभाग के अधीन आवासीय स्कूलों को खोलने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में 80 प्रतिशत से अधिक अभिभावकों ने स्कूल शुरू करने की मांग की थी। इसके पहले स्कूली शिक्षा विभाग ने बीते 7 जुलाई को शासनादेश जारी करके ग्रामीण इलाकों के कोविड मुक्त गांवों में 8 वीं से 12 वीं तक की कक्षाओं को शुरू करने की अनुमति दी थी। इसके तहत ग्रामीण इलाकों में 15 जुलाई से स्कूल शुरू हो गए थे। इसके बाद 10 अगस्त के शासनादेश के जरिए ग्रामीण इलाकों में 5 वीं से 7 वीं तक और शहरी इलाकों में 8 वीं से 12 वीं तक की कक्षाएं शुरू किए गए थे। लेकिन कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुएबाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की टॉस्क फोर्स ने स्कूली शिक्षा विभाग को स्कूल खोलने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी)में कई संशोधन करने को कहा था। इसके बाद स्कूली शिक्षा विभाग ने स्कूल शुरू करने के शासनादेश पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी।
दीपावली बाद खुल सकेंगे कॉलेज
दूसरी तरफ राज्य में कॉलेज दीपावावी बाद खुल सकेंगे। उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से रिपोर्ट मंगाई गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद कॉलेज खोलने पर विचार किया जाएगा। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिपावली बाद ही कॉलेज खुल सकेंगे क्योंकि बहुत से कॉलेज में क्वारेंटाईन सेंटर और टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं।
7 अक्टूबर से महाराष्ट्र में खुलेंगे धार्मिक स्थल
प्रदेश में नवरात्र के पहले दिन से यानी 7 अक्टूबर से मंदिर सहित सभी धार्मिक स्थलों को खोल दिया जाएगा। इन प्रार्थना स्थलों में भक्त कोरोना के नियमों का पालन करते हुए दर्शन कर सकेंगे। शुक्रवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों को खोलने का फैसला किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक स्थलों को भक्तों के लिए खोला जा रहा है लेकिन वहां पर कोरोना के नियमों का पालन होना चाहिए। भक्तों के चेहरे पर मास्क, सुरक्षित दूरी और सैनिटाइजेशन किया जाना चाहिए। इसके पालन के लिए धार्मिक स्थलों की प्रबंध समिति की बड़ी जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के मुकाबला करने के बाद अब संभावित तीसरी से निपटने के लिए तैयारी की गई है। लेकिन धीरे-धीरे सभी तरह की सावधानी बरतते हुए कई पाबंदियों को शिथिल किया गया है। फिलहाल कोरोना के मरीजों की संख्या में गिरावट है। फिर भी हमें सावधानी बरतनी होगी।
Created On :   24 Sept 2021 8:42 PM IST