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39,384 गांवों में हो चुका है पानी जांचने का काम, अब हर ब्लॉक में संयंत्र लगाएगी केन्द्र सरकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकार देशवासियों को पीने का साफ पानी उपलब्ध कराने में जुटी है। इसके लिए मोदी सरकार ब्लॉक स्तर पर पानी जांचने का संयंत्र लगा रही है। इन संयंत्रों में पानी की जांच कराकर रिपोर्ट दी जाती है। जल शक्ति मंत्रालय ने पानी जांच के काम को पारदर्शी बनाते हुए इसे जल जीवन मिशन के डैश बोर्ड पर उपलब्ध कराया है। डैश बोर्ड से कोई भी व्यक्ति पानी की होने वाली जांच की जानकारी प्राप्त कर सकता है। मंत्रालय के मुताबिक अब तक देश भर में पानी जांचने के दो हजार से ज्यादा प्रयोगशालाएं स्थापित की जा चुकी हैं। विभिन्न प्रयोगशालाओं को जांच के लिए अब तक 15 लाख 12 हजार से ज्यादा पानी के नमूने प्राप्त हुए हैं। महाराष्ट्र में ऐसे 177 संयंत्र लगाए जा चुके हैं। एक अक्टूबर तक महाराष्ट्र के 39,384 गांवों में पानी जांचने का काम हो चुका है। इसके लिए पानी के 60,575 नमूने इकट्ठे किए गए। लेकिन इनमें से सिर्फ 4,014 नमूनों की ही जांच हो सकी है। इस मामले में मध्यप्रदेश की स्थिति कहीं बेहतर है। मध्यप्रदेश में पीने के पानी की जांच के 155 संयंत्र लगाए गए हैं। इन संयंत्रों से प्रदेश के 51,597 गांवों में पानी की जांच की गई। इसके लिए 1,35,991 पानी के नमूने इकट्ठे किए गए और इनमें से 1,15,108 नमूनों की जांच की जा चुकी है।
आगे घर में ही जांच सकेंगे पानी की गुणवत्ता
दरअसल मोदी सरकार पानी की जांच के संयंत्र को हर घर तक पहुंचाना चाहती है। इसके लिए सरकार पानी की जांच किट तैयार करने पर प्रभावी ढंग से काम कर रही है। यह जांच फील्ड टेस्ट किट (एफटीके) के माध्यम से की जाएगी। इसके लिए देश के कुछ आईआईटी संस्थानों से संपर्क साधा गया है। सरकार की कोशिश है कि हर घर की महिलाएं अपने घर में ही पानी की शुद्धता की जांच कर लें। इसके लिए वह एक किट का इस्तेमाल करें। इस किट के माध्यम से रंग के आधार पर यह पता चल पाएगा कि पानी कितना साफ है?
Created On :   1 Oct 2021 8:29 PM IST