मालेगांव बम धमाका : पीड़ित के आवेदन पर 27 नवंबर को सुनाया जाएगा फैसला

Malegaon bomb blast: Decision to be heard in victims application on November 27
मालेगांव बम धमाका : पीड़ित के आवेदन पर 27 नवंबर को सुनाया जाएगा फैसला
मालेगांव बम धमाका : पीड़ित के आवेदन पर 27 नवंबर को सुनाया जाएगा फैसला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मालेगांव बम धमाके के मामले में आरोपी कनर्ल प्रसाद पुरोहित की याचिका में हस्तक्षेप करने की अनुमति मांगनेवाले धमाके के पीड़ित के आवेदन पर 27 नवंबर 2020 को बांबे हाईकोर्ट में फैसला सुनाया जाएगा। जबकि निचली अदालत में दिसंबर 2020 से इस प्रकरण के मुकदमे की सुनवाई दिसंबर 2020 से रोजना शुरु हो सकती है। धमाके के पीड़ित निसार अहमद बिलाल ने कोर्ट में आवेदन दायर किया है। बुधवार को न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने बिलाल के आवेदन पर सुनवाई हुई। इस दौरान आरोपी पुरोहित की ओर से पैरवी कर रही अधिवक्ता नीला गोखले ने कहा कि मेरे मुवक्किल ने अपनी याचिका में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने को दी गई मंजूरी को चुनौती दी है। इसलिए इस याचिका में किसी को हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। वहीं पीड़ित की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता बीए देसाई ने कहा कि उनके मुवक्किल के पास कानूनी रुप से इस मामले में हस्तक्षेप का अधिकार है। इस पर खंडपीठ ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता संदेश पाटील से इस प्रकरण की मुकदमे की स्थिति को लेकर सावल किया।जवाब में श्री पाटील ने कहा कि इस मामले में 400 में से140 गवाहों की गवाही हो चुकी है। इस मामले की सुनवाई करनेवाले न्यायाधीश के स्थनांतरण के चलते सुनवाई टल गई थी। वहीं नए न्यायाधीश ने कोरोना के चलते अपना प्रभार नहीं स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि दिसंबर से मामले की सुनवाई रोजना शुरु हो सकती है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि हम पीड़ित के आवेदन पर 27 नवंबर को अपना फैसला सुनाएगे। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 3 दिसंबर 2020 तक के लिए स्थगित कर दी है। 

दिसंबर से रोजाना होगी मालेगांव विस्फोट मामले की सुनवाई

मामले में आरोपी कर्नल प्रसाद पुरोहित की याचिका में हस्तक्षेप करने की अनुमति मांगनेवाले धमाके के पीड़ित के आवेदन पर 27 नवंबर 2020 को बांबे हाईकोर्ट में फैसला सुनाया जाएगा। जबकि निचली अदालत में दिसंबर 2020 से इस प्रकरण के मुकदमे की सुनवाई रोजना शुरु हो सकती है। धमाके के पीड़ित निसार अहमद बिलाल ने कोर्ट में आवेदन दायर किया है। बुधवार को न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने बिलाल के आवेदन पर सुनवाई हुई। इस दौरान आरोपी पुरोहित की ओर से पैरवी कर रही अधिवक्ता नीला गोखले ने कहा कि मेरे मुवक्किल ने अपनी याचिका में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने को दी गई मंजूरी को चुनौती दी है। इसलिए इस याचिका में किसी को हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। वहीं पीड़ित की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता बीए देसाई ने कहा कि उनके मुवक्किल के पास कानूनी रुप से इस मामले में हस्तक्षेप का अधिकार है। इस पर खंडपीठ ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता संदेश पाटील से इस प्रकरण के मुकदमे की स्थिति को लेकर सावल किया। जवाब में श्री पाटील ने कहा कि इस मामले में 400 में से 140 गवाहों की गवाही हो चुकी है। इस मामले की सुनवाई करनेवाले न्यायाधीश के स्थनांतरण के चलते सुनवाई टल गई थी। वहीं नए न्यायाधीश ने कोरोना के चलते अपना प्रभार नहीं स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि दिसंबर से मामले की सुनवाई रोजाना शुरु हो सकती है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि हम पीड़ित के आवेदन पर 27 नवंबर को अपना फैसला सुनाएगे। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 3 दिसंबर 2020 तक के लिए स्थगित कर दी है। 
 

 

Created On :   25 Nov 2020 8:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story