राष्ट्रगान के प्रति अनादर दर्शाने का मामले में ममता बनर्जी को झटका

Mamata Banerjee shocked for showing disrespect to the national anthem
राष्ट्रगान के प्रति अनादर दर्शाने का मामले में ममता बनर्जी को झटका
हाईकोर्ट राष्ट्रगान के प्रति अनादर दर्शाने का मामले में ममता बनर्जी को झटका

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राष्ट्रगान के प्रति कथित रूप से अनादर दर्शाने से जुड़े आरोपों का सामना कर रही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तगड़ा झटका दिया है।  बुधवार को हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री बनर्जी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करनेवाली शिकायत में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। इस तरह से कोर्ट ने बनर्जी को कोई राहत नहीं दी है। न्यायमूर्ति अमित बोरकर ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि इस मामले में फिलहाल हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नजर नहीं आ रही है। लिहाजा बनर्जी की ओर से कोर्ट में दायर की गई याचिका को खारिज किया किया जाता है। याचिका में मुख्यमंत्री बनर्जी ने मुंबई की विशेष अदालत की ओर से जनवरी 2023 को दिए गए आदेश को चुनौती दी थी। इस आदेश के तहत विशेष अदालत ने मजिस्ट्रेट कोर्ट को नए सिरे से इस मामले की सुनवाई करने का निर्देश दिया था, जिसे मुख्यमंत्री बनर्जी ने याचिका में चुनौती दी थी। याचिका के मुताबिक विशेष अदालत को इस मामले को दोबारा मजिस्ट्रेट के पास  सुनवाई के लिए भेजने की बजाय प्रकरण से जुड़ी शिकायत को खारिज कर देना चाहिए था। 

न्यायमूर्ति  बोरकर ने याचिका पर गौर करने के बाद कहा कि विशेष अदालत द्वारा मजिस्ट्रेट के पास सुनवाई के लिए दोबारा भेजने के फैसले में कोई खामी नजर नहीं आ रही है। यह आदेश आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 200 व 202 के प्रावधान के तहत जारी किया गया है। इसलिए इस मामले में हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है। 

इससे पहले मुख्यमंत्री बनर्जी की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता माजिद मेमन ने कहा कि इन दोनों धाराओं के तहत मेरी मुवक्किल के खिलाफ जांच शुरू करने से उन्हें बेवजह उत्पीड़न व शर्मिंदगी का सामना करना पड़ेगा। किंतु न्यायमूर्ति ने इस तर्क को अस्वीकार करते हुए कहा कि धारा 200 व 2002 के तहत जांच करके यह देखा जाता है कि आरोपी के खिलाफ आगे की कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त आधार है या नहीं। दरअसल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस मामले में मुख्यमंत्री बनर्जी को दो फरवरी 2022 को समन जारी कर कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया था। मजिस्ट्रेट कोर्ट के इस आदेश को मुख्यमंत्री बनर्जी ने विशेष अदालत में चुनौती दी थी। विशेष अदालत ने मजिस्ट्रेट कोर्ट की ओर से जारी समन को रद्द कर दिया था। न्यायाधीश ने इस दौरान कहा था कि इस मामले में जरूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। इसलिए मामले में मुख्यमंत्री बनर्जी को जारी किए गए समन को रद्द किया जाता है और सुनवाई को दोबारा मजिस्ट्रेट के पास भेजा जाता है।

मुंबई भारतीय जनता पार्टी की इकाई के पदाधिकारी विवेकानंद गुप्ता ने दिसंबर 2021 को मुंबई की मझगांव मजिस्ट्रेट कोर्ट में शिकायत की थी। शिकायत में दावा किया गया था कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख बनर्जी ने अपने मुंबई दौरे के दौरान राष्ट्रगान के प्रति अनादर दर्शाया था। गुप्ता ने कोर्ट से इस मामले को लेकर बनर्जी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने का आग्रह किया है। शिकायत में गुप्ता ने दावा किया है कि बनर्जी ने केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से साल 2015 में जारी किए गए उस आदेश का उल्लंघन किया है, जिसके तहत कहा गया गया है कि जब भी राष्ट्रगान बजे तो लोगों को सावधान की मुद्रा में खड़े हो जाना चाहिए।  

 

Created On :   29 March 2023 3:55 PM GMT

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