अंतिम संस्कार के दौरान चलनी लगी सांसे...... फिर थमी

man starts breathing during its funeral after that died again
अंतिम संस्कार के दौरान चलनी लगी सांसे...... फिर थमी
अंतिम संस्कार के दौरान चलनी लगी सांसे...... फिर थमी

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। चिखली बदनापुर गांव में उस समय सनसनी मच गई जब एक मृत व्यक्ति की सांसे अंतिम संस्कार की तैयारी के दौरान चलने लगी। हालांकि कुछ घंटे बाद उस व्यक्ति को डाक्टरों ने दोबारा मृत घोषित किया। जानकारी के अनुसार मरीज की मौत के बाद शव औरंगाबाद से नजदीक चिखली बदनापुर गांव ले जाया गया। रिश्तेदार अंतिम दर्शन कर सकें, इसके लिए शव घर में चार घंटे रखा। सभी रिश्तेदारों ने के बाद अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू हुई। शव को अंतिम स्नान कराने के बाद अर्थी पर लिटाते समय किसी के ध्यान में आया कि सांसें चल रही हैं और फिर भागमभाग शुरू हुई। नजदीकी डॉक्टर को बुुलाकर  जांच कराई गई। डॉक्टर ने मृत व्यक्ति जिंदा होने की बात कही जिससे रिश्तेदारों में मृत घोषित करने वाले डॉक्टरों को लेकर भारी आक्रोश निर्माण हो गया और रिश्तेदारों ने  घाटी  अस्पताल पहुंचकर हंगामा किया। बाद में दोबारा जांच कर डॉक्टरों ने करीब तीन बजे उसे मृत घोषित किया। 

डाक्टरों की टीम ने की पुन: जांंच
औरंगाबाद के शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल (घाटी) में शुक्रवार दोपहर 12 से 2 बजे के दौरान दुर्घटना विभाग में हंगामा शुरू था। घाटी के अधीक्षक भारत सोनवणे की केबिन में रिश्तेदार एकत्रित हुए और मृत घोषित करने वाले डॉक्टरों को बुलाने का आग्रह किया। डॉ. सोनवणे ने उन्हें बहुत समझाने की कोशिश की। तभी वहां पहुंचे एक रिश्तेदार ने बताया कि मृतक आप्पासाहेब जगन्नाथ दाभाड़े (45, चिखली दाभाडी) की सांसें भी चल रही है।  डॉ. सोनवणे स्वयं दुर्घटना विभाग में पहुंचे। निकलने से पहले उन्होंने कुछ विशेषज्ञ डॉक्टरों को तलब किया। चार डॉक्टर, नर्स, डॉ. सोनवणे ने मिलकर संयुक्त रूप से अप्पासाहब दाभाड़े की विभिन्न जांच कर दोबारा उपचार शुरू किया लेकिन कुछ घंटे बाद आप्पासाहेब को मृत घोषित किया ।

रिश्तेदारों को हुआ कुछ आभास
दुर्घटना विभाग वार्ड से बाहर आकर डॉक्टर सोनवणे ने मीडिया को बताया कि शरीर की कुछ नसें देखने पर ही पता चल जाता है कि व्यक्ति जीवित है या मृत। उन्होंने डॉक्टरों की जांच का समर्थन किया। बताया कि नाखून के पास की नसें कुछ समय तक शुरू रहती है। इस कारण रिश्तेदारों को अहसास हुआ कि मरीज जीवित है। इस संबंधी उन्होंने सीधे कुछ कहने से इनकार किया।

डॉक्टरों के विरुद्ध अपराध दर्ज करेंगे : मिलिंद दाभाड़े
आप्पासाहेब दाभाड़े का भतीजा मिलिंद सुभाष दाभाड़े ने कहा कि जीवित मरीज को मृत घोषित करने वाले डॉक्टरों सहित घाटी प्रशासन के विरुद्ध फौजदारी अपराध दर्ज करेंगे। डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मरीज की मौत होने का आरोप उन्होंने लगाया। इस संबंधी बेगमपुरा पुलिस थाना, स्वास्थ्य तथा पालकमंत्री दीपक सावंत और घाटी की डीन से शिकायत करने की चेतावनी दी। 

जांच कर कार्रवाई करेंगे : डॉ. कानन येलीकर
मरीज मरने के बाद वह आसानी से दुबारा जिंदा नहीं होता। लेकिन रिश्तेदारों की शिकायत का संज्ञान लेकर तीन वरिष्ठ डॉक्टरों की समिति गठित कर प्रकरण की जांच की जाएगी। इसमें डॉक्टर दोषी पाए गए तो उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करने की जानकारी घाटी की अधिष्ठाता डॉ. कानन येलीकर ने पत्रकारों से चर्चा करते समय दी।
 
 

Created On :   7 April 2018 5:09 PM IST

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