शो-पीस बनीं कई नई टंकियाँ, प्यासी है बड़ी आबादी

Many new tanks become show-piece, thirsty is big population
शो-पीस बनीं कई नई टंकियाँ, प्यासी है बड़ी आबादी
शो-पीस बनीं कई नई टंकियाँ, प्यासी है बड़ी आबादी

डिजिटल डेस्क जबलपुर । नर्मदा की अथाह जलराशि के बाद भी शहर के नए वार्डों की हजारों की आबादी को गर्मी शुरू होते ही पानी की किल्लत होने लगती है। ऐसी आबादी के लिए ही अमृत परियोजना से 16 नई टंकियों का निर्माण कराया गया, लेकिन उनमें से कुछ अभी भी चालू होने की बाट जोह रही हैं। जो चालू हो भी गई हैं तो उनके कनेक्शन नहीं हुए हैं, जिससे जनता को लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह अलग बात है कि शहर के आसपास जल स्त्रोतों में भरपूर पानी है और यह पानी पूरी गर्मी लोगों को तर कर सकता है, लेकिन सही वितरण न होने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। 
दो टंकियाँ निर्माणाधीन 
शहर को पूर्व तक जलापूर्ति करने के लिए कुल 43 टंकियाँ थीं, जिन्हें 4 वॉटर फिल्टर प्लांटों से भरा जाता था और जनता को पानी की सप्लाई की जाती रही। इसी दौरान अमृत परियोजना लागू की गई, जिससे 16 नई टंकियों का निर्माण कराया गया। इनमें से 14 टंकियाँ पूरी तरह बन चुकी हैं जबकि 2 निर्माणाधीन हैं। इसके साथ ही 54 किलोमीटर लम्बी राइजिंग मेन लाइन डाली गई, साथ ही रमनगरा और ललपुर के पम्प हाउसों का उन्नयन भी किया गया। 
55 गाँव हुए थे शामिल
नगर निगम सीमा में वर्ष 2014 में 55 गाँवों को शामिल किया गया था। इन गाँवों में पंचायतों द्वारा पेयजल आपूर्ति की जाती थी। कहीं ट्यूबवेल थे तो कहीं कुओं में पम्प लगाकर सप्लाई होती थी, लेकिन निगम के सामने यह चुनौती है कि उन गाँवों तक सप्लाई लाइन डाले और वहाँ तक पानी पहुँचाए, जिसमें वह सफल नहीं हो पा रहा है। 

इन क्षेत्रों में हो रही परेशानी - नए वार्डों में शामिल किए गए गाँवों के अधिकांश क्षेत्रों में अभी भी नगर निगम पानी पहुँचाने में सफल नहीं हो पाया है। इन क्षेत्रों के लिए टंकियों का निर्माण जरूर किया गया है, लेकिन अभी पेयजल लाइनें नहीं डाली गई हैं। मानेगाँव, बिलपुरा, करमेता, सुहागी, रैगवाँ, भटौली, गौरैयाघाट जैसे कई क्षेत्रों की जनता माँग कर रही है कि उन्हें भी निगम नियमित तौर पर जल उपलब्ध कराए। 
 

Created On :   1 April 2021 2:42 PM IST

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