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कांग्रेस विधायक पर आयकर छापों के दूसरे दिन कई खुलासे

डागा भाइयों ने कोलकाता में शैल कंपनियां बनाईं, बोगस लेन-देन किया
डिजिटल डेस्क सतना भोपाल । कांग्रेस विधायक निलय डागा और उनके भाइयों ने कोलकाता की शैल कंपनियों से करोड़ों रुपए के लेन-देन किए हैं। इसके जरिए वे करोड़ों रुपए की टैक्स देनदारी से बच निकले। डागा के ठिकानों पर चल रही आयकर विभाग की छापेमारी के दूसरे दिन यह बातें सामने आईं। विभाग को करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी के दस्तावेज भी मिले हैं। बताया जा रहा है कि डागा की कंपनियां कोलकाता मुख्यालय वाली कई बोगस कंपनियों से एक साथ बड़े लेन-देन कर रही थी। विभाग को संदेह है कि इन कंपनियों ने शैल कंपनियों के जरिए हवाला के लेन-देन भी किए। बता दें कि आयकर विभाग ने गुरुवार को डागा बंधुओं के तीन राज्यों के 20 ठिकानों पर यह छापेमारी की थी। ये ठिकाने बैतूल के साथ सतना, सालापुर, मुंबई और कोलकाता में फैले थे। लेकिन शुक्रवार को इनमें से कई ठिकानों पर कार्रवाई पूरी हो गई। शनिवार तक बैतूल के कुछ ठिकानों को छोड़कर शेष जगह पर कार्रवाई पूरी हो सकती है। कांग्रेस विधायक डागा समेत चार भाई इन कंपनियों का संचालन करते हैं। नीरज डागा बैतूल स्थित प्लांट का कामकाज संभालते हैं। विभाग जांच रहा- ज्वेलरी कहीं आयकर छूट से ज्यादा तो नहींविभाग को डागा बंधुओं के घर से बड़ी मात्रा में नगदी और ज्वैलरी भी मिली है। अभी विभाग इसका हिसाब लगा रहा है कि इसमें कितनी आयकर अधिनियमों के तहत दी गई छूट से ज्यादा है।
बैतूल सोया खरीदी केंद्र में बोगस खरीद की आशंका, आय छिपाने का शक
विभाग डागा के बैतूल स्थित सोया खरीद केंद्र पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है। उसे आशंका है कि कंपनी ने बोगस खरीद दिखाकर आय छिपाने की कोशिश की है। सूत्र बता रहे हैं कि आयकर विभाग सतना और सोलापुर में सोया प्लांट लगाने के एवज में मिली टैक्स छूट का भी आकलन कर रहा है। उसे आशंका है कि कंपनी ने दी गई सीमा से अधिक की छूट ली है। ऐसे ही एक मामले की जांच मप्र सरकार का वाणिज्यिक कर विभाग भी कर रहा है, जहां निलय की कंपनी ने निवेश की गई राशि पर िनयमों से अधिक टैक्स छूट ली थी।
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।