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ईडब्ल्यूएस आरक्षण को लेकर दो फाड़ हुआ मराठा समाज, पाटील बोले - तुरंत हो लागू
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के 10 फीसदी आरक्षण का लाभ लेने को लेकर मराठा समाज दो फाड़ नजर आ रहा है। मराठा समाज का एक गुट ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ नहीं लेना चाहता है जबकि दूसरे गुट ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू करने की मांग की है। बुधवार को मराठा आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुरेशदादा पाटील ने कहा कि मराठा समाज ने ईडब्ल्यूएस के आरक्षण का लाभ तत्काल लागू करने की मांग की है। सातारा में पत्रकारों से बातचीत में पाटील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण के अंतिम फैसला होने तक तक मराठा समाज को ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। पाटील ने कहा कि मंगलवार को राज्यसभा सांसद छत्रपति संभाजीराजे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर कहा था कि मराठा समाज को ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ नहीं चाहिए। लेकिन संभाजीराजे की मांग गलत है। संभाजीराजे को कुछ संगठनों ने गुमराह किया है। इस लिए उन्होंने यह मांग की है। पाटील ने कहा कि संभाजीराजे ने सरकार से मराठा समाज के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा में सुपर न्यूमेरी (अलौकिक) पद्धति से 12 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साल 2005 के अपने आदेश में कहा है कि राज्य सरकार सुपर न्यूमेरी पद्धति से आरक्षण लागू नहीं कर सकती। इसलिए प्रदेश सरकार मराठा समाज को शिक्षा में आरक्षण के लिए सुपर न्यूमेरी पद्धति का इस्तेमाल नहीं कर पाएगी।
पाटील ने कहा कि हमारी सरकार से मराठा समाज के लिए ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ लागू करने, सरकारी नौकरी भर्ती रोकने और मराठा आंदोलन में आंदोलनकारियों पर दर्ज मामले को वापस लेने की मांग है। यदि सरकार ने चार से पांच दिनों में इन तीन मांगों पर फैसला नहीं लिया तो किसी भी स्थिति में 10 अक्टूबर को महाराष्ट्र बंद रहेगा।
पाटील ने कहा कि छत्रपति संभाजीराजे और सांसद श्रीमंत छत्रपति उदयनराजे भोसले को आरक्षण की मांग को लेकर मराठा समाज का नेतृत्व नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों महाराज के पास दूसरे समाज के लोग भी आते हैं। इसलिए उन्हें केवल एक समाज की नहीं बल्कि सभी समाज का नेतृत्व करना चाहिए। इससे पहले बुधवार को सांसद संभाजीराजे ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर मराठा समाज को ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ नहीं देने की मांग की थी। संभाजीराजे का कहना था कि यदि मराठा समाज को ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ दिया गया तो सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण मामले पर असर पड़ सकता है।
प्रदेश सरकार ने मराठा समाज को सामाजिक एवं शैक्षणिक पिछड़े वर्ग (एसईबीसी) के आधार पर आरक्षण लागू किया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण पर फिलहाल रोक लगा दिया है।
मराठा समाज को गुमराह कर रहे पवार- पाटील
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने मराठा आरक्षण को लेकर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को लेकर दिए गए बयान पर निशाना साधा है। पाटील ने कहा कि पवार ने कहा है कि भाजपा सांसद छत्रपति उदयनराजे भोसले और छत्रपति संभाजीराजे को मराठा आरक्षण के लिए केंद्र सरकार से प्रयास करना चाहिए। यह पवार की अज्ञानता है। पवार मराठा समाज को गुमराह कर रहे हैं। पवार को पता होना चाहिए साल 2018 के संशोधन के बाद आरक्षण का विषय राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसलिए मराठा आरक्षण पर राज्य सरकार को ही फैसला करना होगा। इससे पहले बुधवार को पंढरपुर में पवार ने कहा था कि यह अच्छा हुआ कि दोनों छत्रपति महाराज को भाजपा ने राज्यसभा में भेजा है। दोनों महाराज आरक्षण के लिए केंद्र सरकार से प्रयास करें।
Created On :   30 Sept 2020 8:17 PM IST