रजिस्ट्री दफ्तरों में भारी भीड़, सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं हो रहा पालन, हर दिन हो रहीं ढाई सौ से ज्यादा रजिस्ट्रियाँ 

Massive gathering in registry offices, social distancing is not being followed, more than 250 registries
रजिस्ट्री दफ्तरों में भारी भीड़, सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं हो रहा पालन, हर दिन हो रहीं ढाई सौ से ज्यादा रजिस्ट्रियाँ 
रजिस्ट्री दफ्तरों में भारी भीड़, सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं हो रहा पालन, हर दिन हो रहीं ढाई सौ से ज्यादा रजिस्ट्रियाँ 

2 फीसदी छूट का फायदा उठाने हर दिन बढ़ रहा पंजीयन का आँकड़ा
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
कोरोना संकट में जहाँ रजिस्ट्रियों की संख्या घट गई थी, वहीं बाजार और अन्य स्थलों के खुलने के कारण रजिस्ट्री में धीरे-धीरे उछाल आया। प्रदेश शासन द्वारा 31 दिसम्बर तक रजिस्ट्री में दी गई 2 प्रतिशत की छूट के कारण भी रजिस्ट्री कराने वालों की संख्या में अचानक वृद्धि हो गई। पिछले माह तक जहाँ हर दिन सौ से डेढ़ सौ रजिस्ट्रियाँ हो रहीं थीं, वहीं दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में इनकी संख्या बढ़कर ढाई सौ से 3 सौ तक पहुँच गई। अकेले दिसम्बर माह में ही लगभग 4 हजार रजिस्ट्रियाँ अब तक हो चुकी हैं। इसके कारण कलेक्ट्रेट स्थित रजिस्ट्री कार्यालय व अँधुआ स्थित दफ्तर में भारी भीड़ जमा हो रही है। अभी दो दिन छूट के शेष हैं, उम्मीद की जा रही है कि इस दौरान लोगों की भीड़ और पंजीयन का आँकड़ा और बढ़ेगा। 
एक माह में ही आ गए 30 करोड़ 8 रजिस्ट्री कराने वालों की संख्या बढऩे से विभाग का राजस्व भी बढ़ गया है। मंगलवार को जहाँ पंजीयन विभाग में 279 रजिस्ट्रियाँ हुईं जिससे लगभग 2 करोड़ 81 लाख रुपए विभाग के खाते में आए। वहीं पिछले एक माह में लगभग 4 डाक्युमेंट का पंजीयन हुआ है, जिससे विभाग को 30 करोड़ रुपए से ज्यादा की आय हुई है। 
ये मिल रहा लाभ 8 रजिस्ट्री कराने पर पहले स्टाम्प ड्यूटी साढ़े 9 फीसदी चुकानी पड़ती थी, वहीं 3 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन शुल्क लगता था। इस तरह पंजीयन कराने वालों को लगभग साढ़े 12 प्रतिशत रजिस्ट्री शुल्क चुकाना पड़ता था। राज्य शासन ने आदेश जारी कर स्टाम्प ड्यूटी जो नगरीय क्षेत्र में लगती थी उसमें 2 फीसदी की कमी कर दी। जिससे स्टाम्प शुल्क अब 31 दिसम्बर तक साढ़े 7 फीसदी ही चुकाना पड़ रहा है। यही कारण है कि लोग लाभ उठाने ज्यादा से ज्यादा रजिस्ट्री करा रहे हैं। 
ऐसे समझें फायदे का गणित8 अगर किसी ने 50 लाख रुपए का डूपलेक्स या प्लाट खरीदा है। तो पहले उन्हें 4 लाख 75 हजार रुपए स्टाम्प ड्यूटी देनी पड़ती थी। अब अगर कोई इतने ही रुपये की संपत्ति खरीदता है तो उसे छूट के बाद 3 लाख 75 हजार रुपए देने होंगे। इस तरह रजिस्ट्री कराने पर 1 लाख रुपए की बचत हो रही है। 
इनका कहना है
शासन द्वारा 2 प्रतिशत की जो छूट रजिस्ट्री में दी गई, उसके कारण दोनों ही पंजीयन कार्यालयों में भीड़ लग रही है। उपपंजीयकों के साथ ही स्टॉफ को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे कोविड नियमों का पालन करते हुए ही रजिस्ट्री करें। आफिस में भीड़ न लगे इस बात का ध्यान रखें। 
- रजनेश सोलंकी जिला पंजीयक
 

Created On :   30 Dec 2020 2:54 PM IST

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