प्रसूता की मौत, परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए  किया हंगामा  - कोतवाली पुलिस ने समझाइश देकर मामला शांत कराया

Maternity death, relatives alleging negligence, created a ruckus
प्रसूता की मौत, परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए  किया हंगामा  - कोतवाली पुलिस ने समझाइश देकर मामला शांत कराया
प्रसूता की मौत, परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए  किया हंगामा  - कोतवाली पुलिस ने समझाइश देकर मामला शांत कराया

 डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। मेडिकल कॉलेज से सबद्ध जिला अस्पताल के गायनिक वार्ड में भर्ती एक प्रसूता की अचानक मौत से आहत परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया। डॉक्टर व स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने कार्रवाई की मांग की है। गायनिक में हंगामे की सूचना मिलने पर अस्पताल चौकी पुलिस और कोतवाली की टीम मौके पर पहुंच गई थी। परिजनों को समझाइश के बाद मामला शांत हो सका। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है  सिंगोड़ी चौकी क्षेत्र के ग्राम नेहरिया निवासी महेश डेहरिया ने बताया कि एक जुलाई को पत्नी 28 वर्षीय देविन्द्र कुमारी को प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल लाकर भर्ती कराया था। सीजर से उन्हें बेटा हुआ था। 3 जुलाई को अचानक देविन्द्र कुमारी को अचानक सांस लेने में तकलीफ होने लगी। जब उन्होंने नर्सिंग स्टाफ व चिकित्सक को इसकी सूचना दी तो स्टाफ ने गंभीरता से नहीं लिया। इसी लापरवाही के चलते शाम को पत्नी देविन्द्र कुमारी की मौत हो गई। देविन्द्र कुमारी का बच्चा स्वस्थ है। महेश डेहरिया की शिकायत पर पुलिस ने मर्ग कायम कर मृतका का पीएम कराया है।  
नर्सिंग हड़ताल का असर, अनुभवी स्टाफ का टोटा-
परिजनों का आरोप है कि ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ का कहना था कि अभी नर्सिंग स्टाफ की हड़ताल है। गायनिक वार्ड का अनुभवी न होने से ड्यूटी कर रही नर्से समझ ही नहीं पाई कि मरीज को क्या दिक्कतें है। महिला डॉक्टर ने भी मरीज की हालत बिगडऩे पर पर्याप्त इलाज देने की बजाए नागपुर रेफर कर दिया था। 
दो डॉक्टरों की टीम ने किया पीएम-
प्रसूता की मौत के बाद शनिवार शाम परिजनों ने वार्ड परिसर में जमकर हंगामा मचाया। परिजनों का आरोप था कि चिकित्सक व स्टाफ की लापरवाही से उनके मरीज की मौत हुई है। इसके बाद पुलिस ने मर्ग कायम कर रविवार को दो डॉक्टरों की टीम ने मृतका का पीएम कराया। 
अधिकारी बोले, चिकित्सकों ने दिया बेहतर इलाज-
इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ.श्रीमती पी गोगिया का कहना है कि गायनिक में दो डॉक्टरों की टीम हमेशा मौजूद होती है। मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक ने महिला का बेहतर इलाज किया था। अचानक हालत बिगडऩे पर महिला को नागपुर रेफर किया गया था। पजिरनों ने उसे नागपुर नहीं ले गए।
 

Created On :   5 July 2021 2:06 PM IST

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