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चुनाव के पहले ही चढ़ा सियासी रंग, कार्यक्रम नहीं पहुंचे सांसद व मेयर

डिजिटल डेस्क, सतना। लोकसभा चुनाव अब एकदम सामने हैं और इसके साथ ही राजनेताओं पर सियासी रंग चढ़ने लगा है। इसकी एक बानगी यहां देखने मिली। युवा स्वाभिमान योजना के तहत यहां टाउनहाल में समारेाह पूर्वक आयोजित मुख्यमंत्री के सीधे प्रसारण के कार्यक्रम में शुक्रवार को सियासत हो गई। नगर निगम के तत्वावधान में आयोजित राज्य सरकार के कार्यक्रम में भाजपा के सांसद गणेश सिंह मुख्य अतिथि थे। अध्यक्षता के लिए भाजपा की ही महापौर ममता पांडेय को आमंत्रित किया गया था।
कांग्रेस के सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा, नगर निगम परिषद के स्पीकर अनिल जायसवाल (भाजपा) और कलेक्टर डा. सत्येन्द्र सिंह इसी कार्यक्रम में विशिष्टि अतिथि थे। सुबह 11 बजे से आयोजित इस कार्यक्रम में सवा 11 बजे तक न तो मुख्य अतिथि के तौर पर सांसद पहुंचे और न ही कार्यक्रम की अध्यक्षता के लिए महापौर ही मौजूद थीं। विशिष्ट अतिथियों में सिर्फ कलेक्टर और कार्यक्रम के आयोजक निगमायुक्त संदीप जीआर उपस्थित थे।
महज एक मिनट पहले
मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना में पात्र युवाओं को एक वर्ष में 100 दिन का रोजगार एवं व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उदेश्य से आयोजित इस कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री कमलाथ के संबोधन का भी सीधा प्रसारण किया जाना था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता के लिए आमंत्रित महापौर ममता पांडेय और विशिष्ट अतिथि स्पीकर अनिल जायसवाल,सीएम के संबोधन का सीधा प्रसारण खत्म होने से महज एक मिनट पहले पहुंचे। मुख्य अतिथि की गैर मौजूदगी के कारण मंच पर मौजूद सभी 6 कुर्सियां खाली देखकर मेयर और स्पीकर भी दर्शक दीर्घा की प्रथम पंक्ति में बैठ गए। कार्यक्रम में न तो दीप जल पाया और न ही योजना के तहत पात्र युवाओं को प्रमाण पत्र ही वितरित किए जा सके।
भाजपा के साथ कांग्रेस के पार्षदों ने भी किया बहिष्कार
कार्यक्रम का भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों ने भी बहिष्कार कर दिया। भाजपा के पार्षदों ने जहां कांग्रेस का कार्यक्रम मान कर कन्नी काट ली, वहीं कांग्रेस के पार्षद इस तर्क के साथ इस कार्यक्रम से दूर रहे कि राज्य सरकार के कार्यक्रम में कांग्रेस के पदाधिकारियों को आमंत्रित नहीं किया गया। कांग्रेस के पार्षदों का कहना था कि जहां भाजपा सांसद मुख्य अतिथि बनाए गए, वहीं अध्यक्षता भी भाजपा के जनप्रतिनिधि से ही कराई गई। जबकि कांग्रेस के जिला ग्रामीण और शहर अध्यक्ष को विशिष्ट अतिथि बनाने तक की जरुरत नहीं समझी गई।
इनका कहना है
हमें अधिकारिक स्तर पर कार्यक्रम के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था। एक साधारण से पत्र में इस आशय की सूचना दी गई थी कि हम इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हैं। एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि को आमंत्रित करने की सदभाव पूर्ण परंपरा है। ये कोई तरीका नहीं है।
गणेश सिंह, सांसद
Created On :   23 Feb 2019 2:02 PM IST