महापौर की अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रक्रिया को जनहित याचिका से चुनौती नहीं

Mayors indirect election process not challenged with PIL
महापौर की अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रक्रिया को जनहित याचिका से चुनौती नहीं
महापौर की अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रक्रिया को जनहित याचिका से चुनौती नहीं

डिजिटल डेस्क जबलपुर । हाईकोर्ट ने कहा है कि नगर पालिका विधि संशोधन अध्यादेश 2019 में महापौर का निर्वाचन पार्षदों के द्वारा अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने के प्रावधान को जनहित याचिका से चुनौती नहीं दी जा सकती। चीफ जस्टिस एके मित्तल तथा जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने कहा कि यह अध्यादेश अब कानून बन चुका है, लिहाजा इसकी संवैधानिकता को चुनौती दी जा सकती है। नागदा, उज्जैन के अशोक मालवीय तथा भोपाल के अशोक श्रीवास्तव की ओर से दायर की गई जनहित याचिका में मप्र नगर पालिका विधि संशोधन अध्यादेश 2019 को चुनौती दी गई। याचिका में कहा गया कि इस संशोधन अध्यादेश के जरिए राज्य सरकार ने नगर निगमों के महापौर तथा अन्य नगरीय निकायों के अध्यक्षों के पदों पर निर्वाचन की प्रक्रिया बदल दी है। अधिवक्ता इंदु पांडे का कहना रहा कि यह संशोधित प्रावधान जनहित के खिलाफ है, लिहाजा इसे रद्द किया जाए। राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता पारितोष गुप्ता ने पक्ष रखते हुए कहा कि दिसंबर 2019 में अध्यादेश को कानून का रूप दिया जा चुका है। इस पर याचिकाकर्ता की ओर से याचिका वापस लेने का आग्रह किया गया। कोर्ट ने इसे मंजूर कर याचिका खारिज कर दी।

Created On :   19 Jan 2020 4:35 PM IST

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