उपभोक्ता संरक्षण के दायरे में आती है चिकित्सा सेवा, मेडिको लीगल एक्शन समूह की याचिका खारिज

Medical service comes under the purview of consumer protection - HC
उपभोक्ता संरक्षण के दायरे में आती है चिकित्सा सेवा, मेडिको लीगल एक्शन समूह की याचिका खारिज
 हाईकोर्ट उपभोक्ता संरक्षण के दायरे में आती है चिकित्सा सेवा, मेडिको लीगल एक्शन समूह की याचिका खारिज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश साफ किया है कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाता उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के दायरे में आते हैं। क्योंकि वे अपनी सेवा का शुल्क लेते हैं। इसलिए मरीजों को सेवा देनेवाले डाक्टरों के कार्य को सेवा की परिभाषा के दायरे से बाहर नहीं रखा जा सकता है। भले ही उपभोक्ता सरंक्षण के पुराने कानून को खत्म करके साल 2019 में नया कानून लाया गया है। मुख्य़ न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने मेडिको लीगल एक्शन समूह की ओर से दायर जनहित याचिका को खारिज करते हुए उपरोक्त बात कही है। याचिका में आग्रह किया गया था कि वह यह घोषित कर दें कि स्वास्थय सेवा प्रदाता के कार्य उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के दायरे में नहीं आते हैं। इसके साथ ही मांग की गई थी कि सभी उपभोक्ता फोरम को निर्देश दिया जाए कि वे स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के खिलाफ उपभोक्ता कानून 2019 के तहत की जानेवाली शिकायतों का पंजीयन न करे। याचिका में दावा किया गया था कि उपभोक्ता संरक्षण कानून से पहले लाए गए बिल में स्वास्थ्य सेवा को सेवा की परिभाषा से बाहर रखा गया था। संसद में भी इस विषय पर चर्चा हुई थी। उपभोक्ता कानून की धारा 2 (42) में दी गई सेवा की परिभाषा के तहत स्वास्थ्य सेवा को शामिल नहीं किया जा सकता है। किंतु खंडपीठ ने उपभोक्ता कानून में दी गई सेवा की परिभाषा का तुलनात्मक अध्ययन करने के बाद याचिकाकर्ता के दावे पर असहमति व्यक्त की।  खंडपीठ ने याचिका पर गौर करने व सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिका को आधारहीन पाया और उसे खारिज कर दिया। साथ ही याचिकाकर्ता पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। 

Created On :   8 Nov 2021 8:03 PM IST

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