सिर्फ शर्तों का उल्लंघन जमानत को रद्द करने के लिए पर्याप्त नहीं

Mere breach of conditions is not enough to cancel bail
सिर्फ शर्तों का उल्लंघन जमानत को रद्द करने के लिए पर्याप्त नहीं
अदालत सिर्फ शर्तों का उल्लंघन जमानत को रद्द करने के लिए पर्याप्त नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सिर्फ जमानत की शर्तों के उल्लंघन के आधार पर तब तक आरोपी के जमानत के आवेदन को रद्द नहीं किया जा सकता है जब तक की यह उल्लंघन मामले की जांच व मुकदमे को न प्रभावित करता हो। मुंबई की विशेष अदालत ने शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा के पाठ की घोषणा के बाद विवादो में आयी अमरावती से सांसद नवनीत कौर व विधायक रवि राणा की जमानत रद्द करने से जुड़े आवेदन को खारिज करने से जुड़े आदेश में उपरोक्त बात स्पष्ट की है। कोर्ट ने कहा है कि जमानत रद्द करने के लिए बहुत ठोस व जबरजस्त कारण होना जरुरी है। 

विशेष न्यायाधीश राहुल रोकड़ने 22 अगस्त को राणा दंपति के जमानत को रद्द करने की मांग करनेवाले पुलिस के आवेदन को खारिज किया था लेकिन इसका विस्तृत आदेश शुक्रवार को उपलब्ध हुआ है। न्यायाधीश ने कहा कि पुलिस ने जमानत की शर्तों के उल्लंघन को लेकर राणा दंपति के खिलाफ कोई मामला नहीं दर्ज किया है। ऐसे में जमानत को रद्द करते समय यह देखना जरुरी है कि क्या आरोपियों के कृत्य से मामले की जांच प्रभावित हुई है और क्या इससे न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया गया है। न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने यह नहीं दर्शाया है कि आरोपियों के कृत्य से मुकदमे की सुनवाई व जांच प्रभावित हुई है। इसलिए पुलिस की ओर से किए गए आवेदन को खारिज किया जाता है। 

मुंबई पुलिस ने राणा दंपति पर जमानत की शर्तों के उल्लंघन का आरोप लगाकर उनकी  जमानत को रद्द करने की मांग को लेकर कोर्ट में आवेदन दायर किया था। पुलिस के मुताबिक जमानत की शर्तों के तहत राणा दंपति के इस मामले को लेकर मीडिया से बातचीत करने पर रोक लगाई गई थी इसके बावजूद राणा दंपति ने मीडिया से बातचीत की है। विशेष सरकारी वकील प्रदीप घरत ने दावा किया था कि राणा दंपति ने अदालत की ओर से तय की गई जमानत की शर्तों की अवहेलना की है। राणा दंपति ने इस मामले को लेकर मीडिया के सामने साक्षत्कार दिया है। इसलिए उन्हें दी गई जमानत को निरस्त कर दिया जाए। जबकि राणा दंपत्ति ने कहा है कि राजनीति से प्रेरित होकर उनके खिलाफ इस मामले में देशद्रोह सहित अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने सिर्फ चुनिंदा क्लिप को आधार बनाकर जमानत रद्द करने की मांग की है।

गौरतलब है कि पुलिस ने राणा दंपति को इस मामले में 23 अप्रैल 2022 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद कोर्ट ने 4 मई को राणा दंपति को जमानत प्रदान की थी। पुलिस ने शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा की घोषणा के बाद राणा दंपति के खिलाफ देशद्रोह व कानून व्यवस्था को भंग करने सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। इस मामले में जमानत देते समय कोर्ट ने कहा था कि यदि आरोपी जमानत की शर्तों का उल्लंघन करेंगे तो उन्हें दी गई जमानत को रद्द किया जाएगा। इसलिए पुलिस ने कोर्ट में आवेदन दायर किया था। 

 

Created On :   26 Aug 2022 8:55 PM IST

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