एसटी का राज्य सरकार में विलय संभव नहीं, पेश हुई रिपोर्ट 

Merger of ST with state government is not possible, report presented in assembly
एसटी का राज्य सरकार में विलय संभव नहीं, पेश हुई रिपोर्ट 
विधानसभा एसटी का राज्य सरकार में विलय संभव नहीं, पेश हुई रिपोर्ट 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति ने राज्य परिवहन महामंडल (एसटी) का राज्य सरकार में विलीनीकरण की मांग ठुकरा दी है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मौजूदा कानूनी प्रावधानों के तहत ऐसा संभव नहीं है। समिति की इस रिपोर्ट से विलीनीकरण के  मुद्दे पर पिछले कई महीनों से हड़ताल पर बैठे एसटी कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है। बांबे हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि महामंडल की आर्थिक स्थिति देखते हुए कर्मचारियों को समय पर वेतन देने के लिए कम से कम अगले चार साल तक बजट के जरिए निधी उपलब्ध कराना चाहिए। हालांकि इस सिफारिश पर सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। विलीनीकरण समेत कई मांगों को लेकर एसटी कर्मचारी पिछले साल दीपावली से पहले हड़ताल पर चले गए थे। इसके बाद सरकार ने वेतन बढ़ाने का वादा किया था लेकिन कर्मचारी विलीनीकरण की मांग पर अड़े रहे। मामला बांबे हाईकोर्ट में पहुंचा तो अदालत के निर्देश के बाद सरकार ने विलीनीकरण की मांग पर विचार करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। समिति में परिवहन और वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव भी शामिल थे। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को भी रिपोर्ट सौंपी गई है हालांकि राज्य सरकार ने कहा था कि वित्तीय पहलू जुड़े होने के चलते राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के बिना रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जा सकती। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सभी कर्मचारियों को राज्य सरकार में शामिल करने, राज्य सरकार द्वारा परिवहन सेवा चलाने की बात प्रशासनिक और व्यवहारिक दृष्टि से असंभव है।  

बर्खास्त कर्मचारियों की होगी बहाली-परब

परिवहन मंत्री अनिल परब ने शुक्रवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में रिपोर्ट पटल पर रखी। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में परब ने हड़ताली कर्मचारियों से अपील की कि वे काम पर वापस लौटें। सरकार बर्खास्त किए गए कर्मचारियों को भी बहाल करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। लेकिन कोई कर्मचारी काम पर वापस नहीं लौटा तो हम समझेंगे कि उसे नौकरी की जरूरत नहीं है। सरकार ठेका पद्धति से काम कराने पर भी विचार कर सकती है। परब ने कहा कि रिपोर्ट के बाद साफ हो गया है कि विलीनीकरण संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि किसी भी कर्मचारी की रोजी-रोटी नहीं छिननी चाहिए इसलिए बर्खास्त कर्मचारियों की बहाली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 
 

Created On :   4 March 2022 7:27 PM IST

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