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भगवान कामतानाथ के मुख से बही दूध की धारा, पढ़ें शालिगराम के स्नान का चमत्कार

डिजिटल डेस्क, चित्रकूट। प्रभु श्रीराम की तपोभूमि में बुधवार को भोर एक ऐसा चमत्कार हुआ कि जिसने देखा उसकी आंखें फटी की फटी रह गई। मंगला आरती के समय पौराणिक कामदगिरि मुखारबिंद से दूध की धारा प्रगट हुई तो दर्शन के लिए हजारों लोगों का तांता लग गया। ऐसी मान्यता है कि अनादिकाल से कामदगिरि मुखारबिंद से प्रतिवर्ष कभी दूध और कभी जल की धारा आती रही है। ऐसा नजारा करीब 50 साल पहले भी लोगों को देखने को मिला था।
कामदगिरि प्राचीन मुखारबिंद के पुजारी भरत शरण रामायणी ने सबसे पहले यह नजारा देखा जब उन्होंने प्रात: करीब साढ़े चार बजे मंगला आरती के लिए भगवान कामतानाथ के पट खोले तो उनके मुख से दूध की धारा बह रही थी। उन्होंने आसपास के लोगों को जानकारी दी और तत्काल मुख के नीचे बर्तन रखा और भगवान की आरती की। पुजारी भरत शरण के मुताबिक कामदगिरि अनादि हैं और उनके मुख में शालिग्राम विराजते हैं। उन्ही शालिग्राम को स्नान कराने के लिए जल की धारा प्रतिवर्ष निकलती है, लेकिन दूध की धारा कभी कभार ही निकलती है।
आज से करीब 50 साल पहले भी दूध की धारा भगवान कामतानाथ के मुखारबिंद से निकली थी तब मंदिर के पुजारी उनके दादा श्रीकृष्ण दास थे। उनके सामने भी दूध की धारा प्रगट हुई थी। पुजारी ने बताया कि इस पर्वत में अनेकों नदियों का वास हैं, जिनका सभी का मां मंदाकिनी में जाकर संगम है। इस बात को हमारे रामायण पुराण जैसे ग्रंथों में भी उल्लेख है। दूध की धारा को देखने के लिए दूरदराज से आए भक्तों को भगवान श्री कामतानाथ के मुख से निकले इस दूध को प्रसाद के रूप में वितरण किया गया।



Created On :   31 Aug 2017 12:59 PM IST