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खनिज नीलामी की प्रक्रिया याचिका के निर्णय के अधीन, हाईकोर्ट ने जारी किए हमदस्त नोटिस

डिजिटल डेस्क, जबलपुर । हाईकोर्ट की अवकाशकालीन बेंच ने टीकमगढ़ की कारी माइन्स की खनिज नीलामी की प्रक्रिया को याचिका के निर्णय के अधीन रखा है। जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस विजय शुक्ला की युगल बेंच ने स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन के एमडी, टीकमगढ़ के प्रभारी अधिकारी और MSTC लिमिटेड के प्रबंधक को हमदस्त नोटिस जारी कर 26 जून तक जवाब देने का निर्देश दिया है।
ये है मामला
याचिकाकर्ता ने माइनिंग विभाग की शर्तो को मानते हुए नीलामी में हिस्सा लेने अपने पेट्रोल पम्प की एक करोड़ रूपये सालाना की बेलेंस शीट प्रस्तुत की थी। याचिकाकर्ता का यह दस्तावेज स्वीकार करते हुए विभाग द्वारा उनकी सबसे ऊंची बोली को मंजूी करते हुए खदान भी अलाट कर दी थी। इसके बाद इिस निर्णय को विभाग ने पलट दिया परिणामस्वरूप याचिकाकर्ता को कोर्ट की शरण लेना पड़ा।
टीकमगढ़ निवासी राजेन्द्र तिवारी की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि टीकमगढ़ की कारी माइंस से खनिज की ई-नीलामी 22 फरवरी को की गई थी। नीलामी में यह शर्त थी कि प्रक्रिया में भाग लेने वाले का पिछले तीन वर्ष में किसी भी साल का टर्न ओवर एक करोड़ रुपए का होना चाहिए। उन्होंने अपने पेट्रोल पंप के एक करोड़ रुपए टर्न ओवर की बैलेन्स शीट लगाई। खनिज की नीलामी की प्रक्रिया में सबसे ज्यादा रेट याचिकाकर्ता के थे। इसलिए उन्हें खदान मिल गई। स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन ने पेट्रोल को खनिज नहीं मानते हुए 5 मई को उनकी नीलामी निरस्त कर दी। 7 जून को फिर से नीलामी की तिथि घोषित कर दी गई।
धिवक्ता प्रवीण दुबे ने तर्क दिया कि पेट्रोल को खनिज की श्रेणी में रखा गया है। इसलिए पेट्रोलियम पदार्थ के व्यवसाय से संबंधित बैलेन्स शीट को मान्य किया जाना चाहिए। सुनवाई के बाद युगल बेंच ने खनिज नीलामी की प्रक्रिया को याचिका के निर्णय के अधीन रखा है। मामले की अगली सुनवाई 26 जून को नियत की गई है।
Created On :   4 Jun 2018 7:30 PM IST