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माइनिंग कॉर्पोरेशन ने नहीं चुकाई पूरी स्टांप ड्यूटी , कुर्की वारंट जारी

जिला पंजीयक एवं अतिरिक्त तहसीलदार ने महाप्रबंधक स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन जबलपुर के खिलाफ प्रस्तावित की कार्रवाई
डिजिटल डेस्क सिंगरौली(वैढऩ)। पंजीयन विभाग द्वारा बड़े बकायादारों के खिलाफ दर्ज किये गये प्रकरण से यह खुलासा हुआ है कि स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन चार साल से स्टाम्प ड्यूटी चोरी के 11 करोड़ 52 लाख दबाना भारी पड़ गया है। आरोप है कि तत्कालीन जिला पंजीयक द्वारा लगातार स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन को नोटिस जारी करने के बाद महाप्रबंधक जवाब देने से बच रहे थे। इसके चलते जिला पंजीयक एवं अतिरिक्त तहसीलदार अभिषेक सिंह ने स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन के महाप्रबंधक सत्येन्द्र सिंह के खिलाफ आरआरसी का प्रकरण दर्ज किया था। बताया जाता है कि जिले में कोल माइंस के लिये स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन ने 8 साल पहले यहां आवेदन किया था। स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन के आवेदन पर लीज स्वीकृत की गई थी। कोल माइंस के अनुबंध के समय स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन ने कम स्टॉम्प ड्यूटी लगाई थी। इसके चलते माइनिंग कॅार्पोरेशन के खिलाफ आरआरसी का प्रकरण दर्ज किया गया था।
लीज में छिपाई थी अवधि की जानकारी
पंजीयन विभाग की जानकारी के अनुसार माइनिंग कॉर्पोरेशन ने लीज की 17 साल की अवधि के लिये आवेदन किया था। जबकि खनिज संसाधन विभाग द्वारा माइनिंग कॉर्पोरेशन के उत्खनन पट्टे के लिये 30 साल की अवधि स्वीकृत की गई थी। आरोप है कि माइनिंग कॉर्पोरेशन के महाप्रबंधक ने लीज की अवधि कम दर्शाकर स्टाम्प ड्यूटी बचाने की कोशिश की थी। तत्कालीन जिला पंजीयक द्वारा कराई गई लीज की ऑडिट में कम स्टाम्प ड्यूटी का मामला उजागर हुआ था।
4 कोल ब्लॉक के लिये किया था आवेदन
खनिज संसाधन विभाग मंत्रालय के द्वारा स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन ने जिले में चार कोयला खदानों की स्वीकृति प्रदान की गई थी। बताया जाता है कि खनिज संसाधन विभाग द्वारा 28 दिसंबर 2012 को स्वीकृति मिलने के बाद माइनिंग कॉर्पोरेशन ने 17 मई 2013 को कोयला खदानों के लिये अनुबंध पत्र निष्पादित किया था। माइनिंग कॉर्पोरेशन द्वारा कोयला खदानों के अनुबंध में लीज के लिये 17 वर्ष की अवधि दर्शायी गई थी। जबकि खनिज संसाधन विभाग द्वारा कोयला उत्खनन के पट्टे के लिये 30 वर्ष की अवधि निर्धारित की गई थी। आरोप है कि इसके बाद भी माइनिंग कॉर्पोरेशन ने 17 वर्ष की अवधि के लिये माइनिंग प्लान प्रस्तुत किया गया था। इसके चलते 13 वर्ष की अवधि अधिक होने के कारण पंजीयन विभाग ने रिकव्हरी का प्रकरण दर्ज किया गया था।
कुर्की वारंट निकला
स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन द्वारा लगातार कई वर्षों से स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करने से बचने की जानकारी सामने आने के बाद जिला पंजीयक ने कुर्की वारंट जारी किया है। डीआर ने नोटिस में यह चेतावनी दी है कि यदि 15 दिन के अंदर बकाया स्टाम्प ड्यूटी की राशि 11 करोड़ 52 लाख 62 हजार का भुगतान नहीं किया गया तो स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन की चल और अचल संपत्ति को कुर्क किया जायेगा।
इन बकायदारों पर कसा शिकंजा
जिला पंजीयक एवं अतिरिक्त तहसीलदार ने स्टांप ड्यूटी चोरी के बड़े बकायादारों के खिलाफ शिकंजा कसा है। डीआर ने राजस्व रिकव्हरी प्रकरण में वंशपति स्मृति शिशु समिति भोपाल के कोषाध्यक्ष अजीत पटेल, इम्तियाज अहमद पिता जाकिर हुसैन निवासी नवजीवन विहार, अजय प्रसाद साव पिता नंद प्रसाद साव निवासी कचनी, नीरज कुमार शाह पिता लालजी शाह बेलौंहाटोला कचनी, दिग्विजय सिंह पिता चंद्रदेव निवासी माजनखुर्द, खुशबू चतुर्वेदी पत्नी अजीत चतुर्वेदी हर्रई, अमित कुमार पांडेय पिता ओमप्रकाश पांडेय, क्षितिज तिवारी पिता अजय कुमार तिवारी गन्नई समेत कई बड़े बकायादारों के खिलाफ कुर्की वारंट जारी किया है।
इनका कहना है
स्टांप ड्यूटी चोरी के सबसे बड़े बकायादार स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन के महाप्रबंधक समेत एक दर्जन लोगों के खिलाफ कुर्की वारंट जारी किया गया है। यदि बकायदारों द्वारा 15 दिन के अंदर स्टांप ड्यूटी चोरी की राशि जमा नहीं की गई तो इनकी चल-अचल संपत्ति को कुर्क किया जायेगा।
-अशोक सिंह परिहार, सब रजिस्ट्रार
Created On :   10 Feb 2021 5:59 PM IST