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सोहैल खंडवानी पर शिकंजे से बढ़ सकती हैं मंत्री नवाब मलिक की मुश्किलें
डिजिटल डेस्क, मुंबई। डी कंपनी से संबंधों के संदेह में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जिस माहिम और हाजी अली दरगाह के ट्रस्टी सोहैल खंडवानी पर शिकंजा कसा है वे मनी लांडरिंग मामले में जेल में बंद राज्य सरकार के मंत्री नवाब मलिक के करीबी माने जाते हैं। खंडवानी और मलिक परिवार के कारोबारी रिश्ते भी हैं। मलिक और खंडवानी 35 सालों से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। साल 1999 में खंडवानी और मलिक ने मिलकर एक ट्रस्ट शुरू किया था जिसके तहत कुर्ला में एक स्कूल खोला गया था। खंडवानी टचवुड रियल इस्टेट प्रायवेट मिलिटेड का निदेशक है और नवाब मलिक के बेटे फराज मलिक इस कंपनी में साल 2006 से 2016 के बीच निदेशक थे। गुजरात के कांडला स्थित एसोसिएट हाई प्रेशर टेक्नालॉजी प्रायवेट लिमिटेड और टचवुड रियर इस्टेट प्रायवेट लिमिटेड ने मिलकर बांद्रा कुर्ला कांप्लेक्स इलाके में 200 करोड़ रुपए की जमीन खरीदी थी। नवाब और फराज मलिक ही नहीं टचवुड रियल इस्टेट प्रायवेट लिमिटेड के बोर्ड में फरौक, जकारिया दरवेश, मनोहर, श्रीचंद अगीचा और सुहैल खंडवानी शामिल थे। इनमें से फराज को छोड़कर बाकी सभी लोग एसोसिएट हाई प्रेशर टेक्नलॉजी के बोर्ड में भी शामिल थे। एसोसिएट हाई प्रेसर टेक्नालॉजी प्रायवेट लिमिटेड कंपनी की 150 करोड़ रुपए के बैंक घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) छानबीन कर रही है। कंपनी द्वारा किश्त न देने पर साल 2016 में इस कर्ज को एनपीए घोषित कर दिया गया था। ईडी भी इस मामले की जांच कर रही है। संदेह है कि कंपनी ने मनी लांडरिंग के जरिए कर्ज के पैसे का इस्तेमाल बांद्रा कुर्ला कांप्लेक्स इलाके में जमीन खरीदने के लिए किया।
Created On :   9 May 2022 9:12 PM IST