मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में 127 करोड़ की अनियमितता मामले में राज्यपाल से मिले मंत्री सामंत

Minister Samant met the Governor in the irregularity case of 127 crores in Marathwada University
मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में 127 करोड़ की अनियमितता मामले में राज्यपाल से मिले मंत्री सामंत
कार्रवाई को लेकर चर्चा मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में 127 करोड़ की अनियमितता मामले में राज्यपाल से मिले मंत्री सामंत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने औरंगाबाद के डॉ. बाबासाहब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में साल 2016 तक हुई करीब 127 करोड़ रुपए की आर्थिक अनियमितता की रिपोर्ट के बारे में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को अवगत कराया है। गुरुवार को सामंत ने राज्यपाल से राजभवन में मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल से इस मामले में अगली कार्रवाई के संबंध में चर्चा की। मीडिया से बातचीत में सामंत ने अप्रत्यक्ष रूप से पूर्व की भाजपा सरकार पर अनियमितता की रिपोर्ट को दबाए रखने का आरोप लगाया। सामंत ने कहा कि मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में निश्चित रूप से अनियमितता हुई है। सामंत ने कहा कि जांच रिपोर्ट में विश्वविद्यालय में 60 करोड़ रुपए के खर्च का ब्यौरा नहीं होने की बात सामने आई है। इस जांच में 65 करोड़ रुपए की अनियमितता पाई गई है। ऐसे कुल मिलाकर 125 से 127 करोड़ रुपए की अनियमितता हुई है। 

जांच में पाया गया है कि मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में परीक्षाओं के लिए साल 1998 से 2016 के बीच आवश्यकता से अधिक प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिका छापे गए। सामंत ने कहा कि मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में साल 2016 तक हुई अनियमितता की जांच रिपोर्ट साल 2017 में पूर्व की भाजपा सरकार के पास आ गई थी। भाजपा सरकार को उसी समय इस अनियमितता के बारे में तत्कालीन राज्यपाल सी विद्यासागर राव के संज्ञान में लाकर कार्रवाई करनी चाहिए थी लेकिन मुझे नहीं पता कि तत्कालिन भाजपा सरकार ने साल 2019 तक आखिर कोई कदम क्यों नहीं उठाया। सामंत ने कहा कि नई सरकार बनने के बाद कोरोना संकट के दौरान मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में हुए अनियमितता की जांच संबंधी फाइल मेरे पास नहीं आई थी। मेरे पास पांच से छह दिन पहले यह फाइल आई। इसलिए मैंने राज्यपाल से मुलाकात इस मामले में क्या कदम उठाना है, इस संबंध में चर्चा की है। इससे पहले मराठवाड़ा विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति डॉ बी ए चोपडे के कार्यकाल के दौरान अनियमितता के आरोप लगे थे। उनके खिलाफ मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में नैक मूल्यांकन की तैयारी के लिए किए गए कामों में भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। 

Created On :   9 Dec 2021 5:03 PM GMT

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