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मंत्री मलिक व आव्हाड ने सार्वजनिक की थी संवेदनशील जानकारी, रश्मि शुक्ला का दावा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अवैध फोन टैपिंग मामले से जुड़ी संवेदनशील जानकारी को राज्य के मंत्री नवाब मलिक व जितेंद्र अव्हाड ने सार्वजनिक किया है। गुरुवार को आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने बांबे हाईकोर्ट में यह दावा किया। उन्होंने कहा कि राज्य के मंत्री नवाब मलिक व जितेंद्र अव्हाड ने मीडिया के सामने फोन टैपिंग से जुड़ी जानकारी को जाहिर किया था। फिर भी राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख व अन्य के भ्रष्टाचार को उजारगर करनेवाली मेरी मुवक्किल (रश्मि शुक्ला) को अनायास निशाना बनाया जा रहा है। शुक्ला ने महाराष्ट्र में बेहद ईमानीदारी व निष्ठा के साथ काम किया है। मेरे मुवक्किल के साथ राज्य सरकार का व्यवहार अशोभनीय है।
हाईकोर्ट में शुक्ला की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। शुक्ला ने इस मामले को लेकर दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। गुरुवार को न्यायमूर्ति नीतिन जामदार व न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान आईपीएस अधिकारी शुक्ला की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता जेठमलानी ने कहा कि किसी भी दस्तावेज में सिर्फ गोपनीय लिख देने भर से कोई दस्तावेज गोपनीय नहीं हो जाता है। उसके लिए ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन होना जरुरी है। उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले को लेकर मेरे मुवक्किल से दो दिन तक पूछताछ कर चुकी है। अब इस मामले को प्रलंबित रखने का कोई मतलब नहीं है। अनावश्यक रुप से इस मामले में मेरे मुवक्किल को निशाना बनाया जा रहा है। क्योंकि विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस प्रकरण में खुलासा किया है, लेकिन इसका मेरे मुवक्किल से कोई संबंध नहीं है।
इससे पहले राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में दावा किया था कि आईपीएस अधिकारी शुक्ला को फिलहाल पुलिस ने आरोपी नहीं बनाया है लेकिन शुक्ला के खिलाफ काफी सबूत हैं। शुक्ला को इस पूरे मामले से अलग नहीं किया जा सकता है। अभी इस पहलू की जांच की जानी है कि विपक्ष के नेता फडणवीस तक कैसे फोन टैपिंग से जुड़े दस्तावेज पहुंचे। खंडपीठ ने अब इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को रखी है।
Created On :   28 Oct 2021 8:01 PM IST