देशभर में एयरपोर्ट के नामकरण के लिए नीति बनाए मंत्रालय, हाईकोर्ट पहुंचा नई मुंबई एयरपोर्ट विवाद 

Ministry should formulated policy for naming of airports across the country- HC
देशभर में एयरपोर्ट के नामकरण के लिए नीति बनाए मंत्रालय, हाईकोर्ट पहुंचा नई मुंबई एयरपोर्ट विवाद 
देशभर में एयरपोर्ट के नामकरण के लिए नीति बनाए मंत्रालय, हाईकोर्ट पहुंचा नई मुंबई एयरपोर्ट विवाद 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार पूरे देशभर में एयरपोर्ट के नाम को लेकर एक समरुप नीति तैयार करे। देश के नए नागरी उड्डयन मंत्री इस कार्य को अपनी मुख्य प्राथमिकता में रखें। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही। खंडपीठ ने सरकार से एयरपोर्ट के नामकरण से जुड़ी केंद्र सरकार की नीति की मौजूदा स्थिति को लेकर भी जानकारी मंगाई है। इस विषय पर पेशे से वकील फिजी फैडरिक ने याचिका दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि केंद्र सरकार को एयरपोर्ट के नाम व एयरपोर्ट को दोबारा नाम देने से जुड़े मुद्दे को लेकर समरुप नीति तैयार करने का निर्देश दिया जाए। याचिका में आग्रह किया गया है कि जब तक एयरपोर्ट के नाम को लेकर नीति नहीं तैयार कर ली जाती है, तब तक राज्य सरकार की ओर से निर्माणाधीन नई मुंबई एयरपोर्ट के नाम के संबंध में भेजे गए प्रस्ताव पर विचार न किया जाए। खंडपीठ ने कहा कि नए नागरी उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य देश के एयरपोर्ट के नाम से जुड़ी नीति पर विचार करे और अपने कार्य की प्राथमिकता की सूची में इसे पहला स्थान दे। इस दौरान खंडपीठ ने पिछले दिनों नई मुंबई के निर्माणधीन एयरपोर्ट के नाम को लेकर हुए प्रदर्शन का भी जिक्र किया। इस प्रदर्शन में करीब 25 हजार लोग इकट्ठा हुए थे। यह प्रदर्शन एयरपोर्ट को स्थानीय नेता डीबी पाटील का नाम देने की मांग को लेकर किया गया था, जिन्होंने परियोजना प्रभावित लोगों के लिए कार्य किया था। खंडपीठ ने कहा कि हम नहीं चाहते कि कोविड से जुड़े प्रोटोकाल का उल्लंघन हो और ऐसी घटनाए दोबारा हो। राज्य सरकार व सिडकों ने एयरपोर्ट का नाम शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे का नाम देने की घोषणा की है। खंडपीठ ने कहा कि एयरपोर्ट के नाम के संबंध में साल 2016 में नीति का मसौदा तैयार किया गया था। जिसके तहत तय किया गया था कि एयरपोर्ट को किसी व्यक्ति का नाम देने की बजाय शहर का नाम दिया जाएगा। मौजूदा समय में केंद्र सरकार की इस नीति की क्या स्थिति है। इसके बारे में हमे ताजा जानकारी दी जाए। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह से कहा कि यदि एयरपोर्ट के नाम से जुड़ी नई नीति अभी मसौदे के रुप में है तो तुरंत इसे अंतिम रुप दिया जाए। अब तो केंद्र में नए मंत्री भी आए है। ऐसे में नागरी उड्डयन मंत्रालय इस बारे में निर्णय करे। खंडपीठ ने  सिंह को याचिका में उठाए गए मुद्दे को लेकर निर्देश लेने को कहा है और याचिका पर 16 जुलाई को सुनवाई रखी है।

समुद्र में कचरा डालने पर रोक जरुरी

बांबे हाईकोर्ट ने चक्रवती तूफान ताउते के बाद समुद्र के तटो पर बाहर आए कचरे को लेकर कहा है कि भावी पीढी को सुरक्षित रखने के लिए इस तरह के कचरे को रोकना जरुरी है। यह एक व्यापक मामला है। ऐसे हमें  ऐसे कदम उठाने होगे जिससे इस बात को देखा जा सके की समुद्र में कचरा आता कहा से है। क्योंकि यह सिर्फ समुद्र तट की स्वच्छता से जुड़ा मामला नहीं है।  कोर्ट ने कहा कि हम केवल समद्र तटो की सुरक्षा पर  ध्यान नहीं दे रहे है हम चाहते है कि हमारी भावी पीढी सुरक्षित रहे। हाईकोर्ट ने तूफान के बाद समुद्र के किनारे इकट्ठा हुई गंदगी के मामले का स्वतः संज्ञान लिया है और इसे जनहित याचिका में परिवर्तित किया है। कोर्ट ने कहा कि समुद्री तटो के आसपास अतिक्रमण है। मीठी नदी के किनारे झोपड़पट्टी है। जिससे वहां का कचरा नदीं के रास्ते समुद्र में पहुंचता है। जो समुद्री जीवों के लिए घातक होता है। मुंबई में सात समुद्री तट है।मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने सभी संबंधित लोगों को इस मामले को लेकर कदम उठाने को कहा है। और मामले की सुनवाई स्थगित कर दी है। 

 

Created On :   9 July 2021 8:20 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story