विधायक रवि राणा मामले की जांच करेंगे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक

MLA Ravi Rana will investigate the matter Additional Director General of Police
विधायक रवि राणा मामले की जांच करेंगे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक
विधानसभा में गूंजा मामला  विधायक रवि राणा मामले की जांच करेंगे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अमरावती के मनपा आयुक्त पर स्याही फेंके जाने के मामले में निर्दलीय विधायक रवि राणा के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) के जरिए जांच कराई जाएगी। गृहमंत्री दिलीप वपसे पाटील ने सोमवार को विधानसभा में यह ऐलान किया। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में मैंने या मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने किसी पर कार्रवाई के लिए दबाव नहीं डाला था।

मुझे न्याय नहीं मिला को लगाऊंगा फांसीः रवि राणा 

राणा ने सोमवार को विधानसभा में यह मुद्दा उठाया और कहा कि पुलिस आयुक्त आरती सिंह ने उन्हें बताया कि उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए ऊपर से दबाव है। राणा ने कहा कि जिस समय घटना हुई वे दिल्ली में थे उनके पास इसके सबूत हैं। इसके बावजूद उनके खिलाफ आईपीसी की धाराओं 307, 353 के तहत हत्या की कोशिश और सरकारी कर्मचारी को जबरन ड्यूटी से रोकने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई। राणा ने पूरी घटना का विवरण देते हुए विधानसभा में बताया कि राजमाता जिजाऊ की जयंती के मौके पर शिवभक्तों ने मिलकर छत्रपति शिवाजी महाराज का पुतला स्थापित किया। 12 जनवरी को पुतला स्थापित करने के बाद दूध से अभिषेक और आरती की गई। शहर में दीपावली जैसा माहौल था किसी को कोई शिकायत नहीं थी। लेकिन पांच दिन बाद छेनी हथौड़ी से पुतला हटा दिया गया और उसे अतिक्रमण विभाग के गोदाम में डाल दिया गया। ऐसे में छत्रपति शिवाजी के चाहने वालों की भावनाएं आहत हुईं और 9 फरवरी को कुछ लोगों ने अमरावती के मनपा आयुक्त पर स्याही फेंकी। मैं इसका समर्थन नहीं करता। घटना के वक्त मैं दिल्ली में एक बैठक में था फिर भी मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। अगर मुझे न्याय नहीं मिला तो मैं यहीं फांसी लगा लूंगा।

तो देशमुख जैसा होगा हाल

रवि राणा ने गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील पर दबाव डालकर कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर आप भी सचिन वाझे जैसे अधिकारी बनाएंगे तो आपका हाल भी अनिल देशमुख जैसा होगा। राणा ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली कि अधिकारियों को कहा गया कि उन्हें देखते ही गोली मार दी जाए। राणा के बयान के बाद भाजपा के सदस्य भी उनके समर्थन में उतरे और विधानसभा अध्यक्ष के आसन के सामने जाकर नारेबाजी शुरू कर दी। भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि पुलिस का राजनीतिकरण हो रहा है यह ठीक नहीं है। इस मामले की जांच के लिए सभी पार्टी के सदस्यों की समिति बनाई जानी चाहिए। इस पर छगन भुजबल ने केंद्रीय जांच एजेंसियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि सभी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। विपक्ष के लगातार हंगामें के बाद गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने जांच का ऐलान करते हुए कहा कि रिपोर्ट आने के बाद वे इस मुद्दे पर विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस से चर्चा करेंगे। बाद में विधायक राणा ने विधान भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मेरे खिलाफ फर्जी मामला बनाने के लिए मुख्यमंत्री के यहां से पुलिस अधिकारियों को फोन किया गया था।     

Created On :   7 March 2022 8:47 PM IST

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