मोखा की पत्नी व मैनेजर की जमानत खारिज, पिता-पुत्र से होगी पूछताछ

Mokhas wife and managers bail rejected, father-son will be questioned
मोखा की पत्नी व मैनेजर की जमानत खारिज, पिता-पुत्र से होगी पूछताछ
मोखा की पत्नी व मैनेजर की जमानत खारिज, पिता-पुत्र से होगी पूछताछ

नकली रेमडेसिविर मामला - हरकरण की ली तीन दिन की पुलिस रिमांड, आज मोखा को भी लिया जाएगा रिमांड पर
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
नकली रेमडेसिविर मामले में जिला अदालत ने सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा की पत्नी जसमीत मोखा व मैनेजर सोनिया खत्री शुक्ला की जमानत याचिका खारिज कर दी है। वहीं एसआईटी ने मोखा के पुत्र हरकरण को मंगलवार को न्यायालय में पेश किया और फिर उसे तीन दिन की पुलिस रिमांड पर ले लिया है। बताया गया है कि एसआईटी अब बुधवार को जेल में बंद मोखा को रिमांड पर लेगी और फिर पिता-पुत्र से एक साथ पूछताछ की जाएगी। इसमें नकली रेमडेसिविर मामले से जुड़े कई अहम राज सामने आ सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार नकली रेमडेसिविर खपाने के मामले में सिटी अस्पताल के संचालक मोखा को आरोपी बनाए जाने व गिरफ्तारी होने के बाद से ही उसका बेटा हरकरण गायब हो गया था। इस मामले में उसकी भी भूमिका उजागर होने पर पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। सोमवार को वह सरेंडर करने जिला कोर्ट पहुँचा था जहाँ से उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। जानकारों के अनुसार गिरफ्तारी के बाद उससे सघन पूछताछ की गई जिसमें उसने कई राज उजागर किए हैं। उसने कबूला कि पिता मोखा के कहने पर अपने दोस्त दिव्यांक से आईडी माँगकर उन्हें दी थी। जाँच टीम अब हरकरण के बयानों की पुष्टि कराने के िलए जेल में बंद उसके पिता सरबजीत को आज रिमांड पर लेगी और दोनों को एक साथ बैठाकर पूछताछ की जाएगी, ताकि नकली इंजेक्शन मामले में मोखा और परिवार व अन्य लोगों  की भूमिका का पता लगाया जा सके। 
जिला अदालत ने कहा- मामला गंभीर
सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा की पत्नी जसमीत मोखा और मैनेजर सोनिया खत्री शुक्ला की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अयाज मोहम्मद ने अपने आदेश में कहा कि मामला गंभीर है, इसलिए जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है। शासकीय अधिवक्ता अशोक पटेल और एजीपी सुशील सोनी ने तर्क दिया कि आरोपियों के पास से नकली रेमडेसिविर जब्त किए गए हैं, इसके साथ ही सबूत नष्ट करने के भी प्रमाण मिले हैं। अधिवक्ता मनीष मिश्रा, रविन्द्र दत्त, शचिन्द्र रघुवंशी ने कहा कि यदि आरोपियों को जमानत दी गई तो कई महत्वपूर्ण सबूत नष्ट किए जा सकते हैं। सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोपियों की जमानत निरस्त कर दी है।
थाने बुलाने पर गायब हुआ था हरकरण 
सूत्रों के अनुसार नकली इंजेक्शन मामले में सिटी अस्पताल संचालक मोखा को 11 मई को ओमती पुलिस ने इलाज के दौरान सिटी अस्पताल से गिरफ्तार किया था। उसके बाद एसआईटी द्वारा मोखा के पुत्र को पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया था लेकिन वह गायब हो गया था। पूछताछ में उसने बताया कि वह शहर से भागकर अपनी ससुराल दिल्ली चला गया था। ससुराल में सभी लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने के कारण वह होटलों में ठहरा था। इस दौरान उसने अपना मोबाइल फोन व सिम तोड़कर नष्ट कर दी थी।
नए मोबाइल में मिलीं कई तस्वीरें 
जानकारों के अनुसार पुराने मोबाइल को तोड़कर हरकरण ने दिल्ली में नया मोबाइल व नया सिमकार्ड लिया और वह पाँच सितारा होटल में ठहरा था। दिल्ली में उसने अपने वकील से संपर्क किया और उनके कहने पर ही सरेंडर करने के लिए जबलपुर आया था। यहाँ उसने अपनी कार छोड़ी और अपने वकील की कार लेकर कोर्ट परिसर पहुँचा था। उसके पास से बरामद किए गये मोबाइल में कई युवतियों की तस्वीरें मिली हैं जिनके संबंध में भी एसआईटी द्वारा पूछताछ की जा रही है। 
देवेश से लिए थे दो इंजेक्शन 
जानकारों के अनुसार पूछताछ में हरकरण ने बताया कि उसने अपने किसी दोस्त को देने के लिए सिटी अस्पताल के दवा इंचार्ज देवेश चौरसिया से दो इंजेक्शन लिए थे, लेकिन इस दौरान दोस्त ने उससे कहा कि अब उसे इंजेक्शन की जरूरत नहीं है तो उसने दोनों इंजेक्शन देवेश को वापस लौटा दिए थे। 
 

Created On :   26 May 2021 2:33 PM IST

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