राष्ट्रीय पंचकर्म संगोष्ठी में 200 से अधिक शोध प्रबंध प्रस्तुत, 835 ने कराया रजिस्ट्रेशन

More than 200 dissertations submitted at national panchakarma seminar
राष्ट्रीय पंचकर्म संगोष्ठी में 200 से अधिक शोध प्रबंध प्रस्तुत, 835 ने कराया रजिस्ट्रेशन
राष्ट्रीय पंचकर्म संगोष्ठी में 200 से अधिक शोध प्रबंध प्रस्तुत, 835 ने कराया रजिस्ट्रेशन

डिजिटल डेस्क,नागपुर।  श्री आयुर्वेद महाविद्यालय नागपुर की ओर से आयोजित राष्ट्रीय पंचकर्म संगोष्ठी का समापन भारतीय वैद्यक समन्वय समिति के उपाध्यक्ष डॉ. वेदप्रकाश शर्मा की अध्यक्षता में हुआ। डॉ. शर्मा ने कहा कि, प्राचीनतम शोधन चिकित्सा पंचकर्म का  आधुनिक स्वरूप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आज प्रचलित है। राष्ट्रीय  पंचकर्म संगोष्ठी में देशभर से कुल  835  प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया। 200 शोध प्रबंध प्रस्तुत किए। राष्ट्रीय संगोष्ठी अंतर्गत विभिन्न पंचकर्म क्रियाएं जैसे स्नेहन, स्वेदन, वमन, विरेचन, बस्ति, नस्य एवं रक्तमोक्षण के प्रात्यक्षिक कार्यशाला में दिखाए गए तथा पंचकर्म चिकित्सा की प्रदर्शनी में पंचकर्म की प्रतिकृति, द्रव्यों का संकलन में स्नातक विद्यार्थियों द्वारा क्रियाओं के चलचित्र, रंगोली, चित्रकला आदि का प्रस्तुतिकरण किया गया। संगोष्ठी में संपूर्ण भारत  से आए पंचकर्म विशेषज्ञों द्वारा चिकित्सक, स्नातक एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को जटिल व्याधियों में पंचकर्म चिकित्सा के व्याख्यान दिए गए। साथ ही उनके प्रात्याक्षिक क्रियाओं का प्रसारण दिखाया गया।जिसे सभी नेे गौर से समझा और इसे अपनाने की प्रतक्रिया भी दी।

विद्यार्थियों का सत्कार

संगोष्ठी में 3 स्मारिका ‘दृष्टकर्म’, ‘पंचकर्म चिकित्सा विज्ञान’ एवं ‘स्नातकोत्तर की प्रवेश परीक्षा पुस्तिका’ का विमोचन किया गया।  संगोष्ठी में प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें उत्कृष्ट शोध प्रबंध, उत्कृष्ट छायाचित्र, सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतिकरण की श्रेणी में आए विद्यार्थियों का सत्कार किया गया। मंच पर संस्था के सचिव डॉ. गोविंद प्रसाद उपाध्याय, प्रमुख अतिथि येरला मेडिकल ट्रस्ट आयुर्वेद महाविद्यालय मुंबई के पूर्व प्राचार्य डॉ. यू. एस. निगम, आयुर्वेद महाविद्यालय कोट्टकल के   प्राचार्य डॉ. जयदेवन, डॉ. संतोष भट्टड़, डॉ. धनराज गहुकर, डॉ. प्रकाश मंगलसेरी, डॉ. सचिन चंडालिया, डॉ. श्रीरंग गलगली, डॉ. आशीष मेहता, डॉ. मनोज शामकुंवर, डॉ. मुकेश शुक्ला उपस्थित थे। समारोह का संचालन डॉ. अर्चना बेलगे ने किया। आभार प्रदर्शन संगोष्ठी सहसचिव डॉ. समीर गिरडे ने किया। सफलतार्थ डॉ. जयकृष्ण छांगाणी, डॉ. कल्पेश उपाध्याय, डॉ. योगिता बेंडे, डॉ. शिल्पा चाफले, प्राध्यापक डॉ. मनीषा कोठेकर, डॉ. स्नेहविभा मिश्रा, डॉ. बृजेश मिश्रा, डॉ. प्रमोद गर्जे, डॉ. देवयानी ठोकल, डॉ. योगेश बड़वे आदि ने परिश्रम किया।

Created On :   16 Oct 2019 3:33 PM IST

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