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शहर के अधिकांश मैरिज गार्डन में नहीं है नई पॉलिसी के हिसाब से सुविधाएं
डिजिटल डेस्क, कटनी। मैरिज गार्डन में सुरक्षा के संबंध में जो नई पॉलिसी तैयार की गई है। उस पॉलिसी को जानने के बाद संचालकों के होश उड़ गए हैं। प्रदेश स्तर पर टाउन एण्ड कंट्री प्लान ने जो मसौदा तैयार किया है। उसमें जिले के 42 में से करीब 10 मैरिज गार्डन ही ऐसे हैं, जो टीसीपी की परीक्षा में पास हो रहे हैं। 32 मैरिज गार्डन्स ऐसे हैं, जिन्हें कई तरह के बदलाव करने पड़ेंगे। जिसके बाद ही वे कानूनन रुप से यहां पर किसी समारोह के आयोजन को लेकर अनुमति दे सकते हैं।
नगर में वैध-अवैध मैरिज गार्डन्स का मामला दो वर्ष पहले तब आया था। जब संचालकों की मनमानी के खिलाफ लोगों ने इसकी शिकायत की। जांच में 17 मैरिज गार्डन्स ऐसे पाए गए, जिन्हें बंद करा दिया गया था। इस संबंध में नगर निगम आयुक्त टीएस कुमरे ने कोई जवाब ही नहीं दिया प्रत्येक वार्ड में एक गार्डन नगर में कुल 45 वार्ड हैं और इतने ही मैरिज गार्डन संचालित हैं। इस हिसाब से औसतन एक वार्ड के हिस्से में एक मैरिज गार्डन है। इसमें से टाउन एण्ड कंट्री प्लान से महज पांच लोगों ने ही रजिस्ट्रेशन करा रखा है। टीसीपी में रजिस्ट्रेशन नहीं होने से अधिकांश मैरिज गार्डन नियम विरुद्ध ही संचालित हो रहे हैं। इसकी जानकारी नगर निगम को भी है। इसके बावजूद संचालकों को नियमों का पाठ पढ़ाने में अफसर फेल हैं।
यह है नया मसौदा
नया मसौदा जो तैयार किया गया है। उसमें पचास प्रतिशत से अधिक ओपन एरिया रहेगा। इसके साथ पार्किंग, पर्याप्त टॉयलेट्स की भी व्यवस्था करनी होगी। सबसे अधिक कसावट पार्किंग को लेकर की गई है। इसके तहत पार्किंग व्यवस्था इस तरह से हो कि कोई भी वाहन सड़कों पर खड़ा न हो सके। मैरिज गार्डन्स की नई परिभाषा के तहत ऐसा स्थल जहां पर किसी भी कार्यक्रम में 50 से अधिक लोग जुड़ते हैं। उस स्थल को मैरिज गार्डन माना जाएगा और उसमें नियमों का पालन करना होगा।
तीन केटेगिरी शामिल
इसके लिए तीन केटगिरी बनाई गई है। जिसमें पहली केटगिरी में दो हजार से तीन हजार फीट का एरिया, दूसरी में तीन हजार से चार हजार और तीसरे में चार हजार से अधिक एरिया को शामिल किया गया है। जिसमें सामने की तरफ रोड की चौड़ाई कितनी होगी यह भी तय किया गया है। मतलब कि संकरे मार्ग में कोई भी मैरिज गार्डन्स का संचालन नहीं कर सकेगा। 12 मीटर से लेकर 18 मीटर या फिर इससे अधिक सड़क की चौड़ाई होने पर ही वह मैरिज गार्डन्स का संचालन कर सकेगा। नई पॉलिसी के तहत इसका सबसे अधिक फायदा स्कूली बच्चों और अस्पतालों को मिलेगा। अस्पताल और स्कूलों से सौ मीटर से अधिक दूरी पर ही इनका संचालन किया जा सकेगा।
पग-पग में कमियां
वर्तमान समय में जो मैरिज गार्डन्स का संचालन हो रहा है। उसमें से अधिकांश में पग-पग में ही कमियां बनीं हुई है। सामने की तरफ पार्किंग एरिया तो कई जगहों से नदारद है। सबसे ज्यादा असुरक्षा फायर संबंधी सुरक्षा को लेकर है। फायर बिग्रेड के कंट्रोल रुम में तो यह भी जानकारी आज तक संचालकों ने नहीं दी है कि उन्होंने सुरक्षा के किस तरह से उपाए किए हैं। कुछ मेरिज गार्डन ऐसे भी हैं जो आवासीय भवन निर्माण की अनुमति लेकर बनाए गए हैं।
इनका कहना है
नगर निगम के अधिकारी से जानकारी ली जाएगी कि जिस मैरिज गार्डन्स को बंद किया गया था। वे फिर से कैसे संचालित होने लगे।
केव्हीएस चौधरी, कलेक्टर
Created On :   18 Feb 2019 1:42 PM IST