अस्पतालों की ओपीडी में सबसे ज्यादा आ रहे बुखार के मामले उल्टी-दस्त, बदन दर्द के साथ खाँसी-सर्दी की भी शिकायत

Most of the cases of fever coming in OPD of hospitals, vomiting and diarrhea
अस्पतालों की ओपीडी में सबसे ज्यादा आ रहे बुखार के मामले उल्टी-दस्त, बदन दर्द के साथ खाँसी-सर्दी की भी शिकायत
अस्पतालों की ओपीडी में सबसे ज्यादा आ रहे बुखार के मामले उल्टी-दस्त, बदन दर्द के साथ खाँसी-सर्दी की भी शिकायत

वायरल - बच्चों से लेकर बड़े तक बुखार और निमोनिया की गिरफ्त में
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
डेंगू समेत मच्छर जनित रोगों के बीच अब अस्पतालों की ओपीडी में वायरल के मरीज बड़ी संख्या में पहुँच रहे हैं। बच्चों से लेकर बड़ों तक सबसे ज्यादा शिकायत वायरल से पीडि़त मरीजों की है। बुखार से पीडि़त मरीज बदन दर्द, खाँसी और गले में दर्द की परेशानी डॉक्टर्स को बता रहे हैं। मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या पिछले कुछ दिनों में बढ़ी है। विशेषज्ञों के अनुसार बारिश की वजह से जगह-जगह पर जलभराव और गंदगी होने से मच्छर और खतरनाक बैक्टीरिया जन्म ले लेते हैं। पानी और हवा के जरिए बीमार करने वाले बैक्टीरिया खाने और शरीर तक पहुँचते हैं, जिसके बाद बुखार और फ़्लू जैसी बीमारियाँ होने का खतरा ज्यादा रहता है। इस मौसम में वायरल से बचने के लिए कुछ सावधानियाँ बरतने की जरूरत है।
विक्टोरिया में लंबी कतार
 जिला अस्पताल विक्टोरिया की ओपीडी में रोजाना लंबी कतार नजर आ रही है। प्रतिदिन 700 से 800 मरीज ओपीडी में पहुँच रहे हैं। रूटीन में आने वाले मरीजों को छोड़ दें तो सीजनेबल बीमारियों को लेकर आने वाले मरीज 500 के करीब हैं। सिविल सर्जन डॉ. आरके चौधरी ने बताया कि ओपीडी में मरीजों की संख्या को देखते हुए एक-एक अतिरिक्त चिकित्सक की ड्यूटी लगाई गई है। 
निमोनिया और मस्तिष्क ज्वर भी 
 मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट की ओपीडी में बुखार, सर्दी, खाँसी के साथ निमोनिया औ मस्तिष्क ज्वर से पीडि़त मरीज भी सामने आए हैं। डॉ. ऋतु गुप्ता ने बताया कि ऐसे मरीजों की संख्या अधिक है, जिन्हें तेज बुखार है, जिसके बाद कुछ मरीज बेहोशी की स्थिति में भी पहुँच जाते हैं। इस मौसम में मच्छरों से बचाव के लिए विशेष सावधानियाँ बरतनी जरूरी है।
बच्चों में फीवर और डायरिया 
मौसमी बीमारियों की जकड़ में बच्चे भी आ रहे हैं। कम उम्र के बच्चों में सबसे ज्यादा फीवर और डायरिया के मामले देखे जा रहे हैं। इसके अलावा बदन दर्द, ज्वाइनडिस, टाइफाइड से पीडि़त बच्चे भी शिशु रोग विभाग में आ रहे हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. केके वर्मा के अनुसार बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए पेरेंट्स को भी अवेयर रहने की जरूरत है।

Created On :   5 Aug 2021 4:31 PM IST

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