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आग से झुलसी मां- बेटी की मौत, ससुराल वालों पर दहेज हत्या का आरोप

डिजिटल डेस्क, सतना। आग की चपेट में आने से 5 माह की बेटी की जहां मौके पर ही मौत हो गई वहीं उसकी मां ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। महिला की मौत पर मायके पक्ष के लोगों ने दहेज हत्या का आरोप लगाया है। फिलहाल महिला के शव का पीएम करने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया गया है। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि जिले के कोटर थाना अंतर्गत पिपरौंधा निवासी अनुप्रभा सिंह की शादी 2015 में ताला थाना अंतर्गत इटौरा निवासी रोहित सिंह के साथ हुई थी।
किया जा रहा था प्रजाड़ित
मायके वालों का आरोप है कि शादी के बाद से ही ससुराल वाले महिला को शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताडि़त किया करते थे। ससुराल वाले 5 लाख रूपए दहेज लाने का दबाव बना रहे थे। रविवार की सुबह ससुराल से फोन आया कि अनुप्रभा और उसकी बेटी पूर्वी आग की चपेट में आ गई हैं। आग से झुलसने के कारण पूर्वी की मौके पर ही मौत हो गई थी। गंभीर हालत में एसजीएमएच पहुंची अनुप्रभा ने चिकित्सालय के बर्न यूनिट में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। इस संबंध में जब ससुराल वालों से पूछा गया तो उन्हेाने दहेज हत्या की बात से इंकार करते हुए बताया कि महिला ने खुद ही आग लगा ली थी। महिला ने खुद ही आग लगाई थी या ससुराल वालों ने आग लगाई इसका पता तो पुलिस जांच के बाद ही चल पाएगा।
पूर्व में की गई थी शिकायत
मायके पक्ष के लोगों ने बताया कि शादी के बाद से हमेशा ही महिला को दहेज के लिए प्रताडि़त किया जाता था। मानसिक एवं शारीरिक प्रताडऩा से तंग आकर महिला ने दो साल पहले कोलगवां थाने में शिकायत की थी। बाद में यह मामला परिवार परामर्श केन्द्र पहुंचा। जहां से समझाइश के बाद मामले में समझौता हो गया था।
अस्पताल में भिड़े दोनो पक्ष
संजय गांधी अस्पताल में इस घटना को लेकर आक्रोशित मायके पक्ष के लोग ससुराल वालों पर दहेज हत्या का आरोप लगाते हुए महिला को जलाने की बात करने लगे। बताया गया है कि इसी बात को लेकर दोनो पक्ष के लोग एक दूसरे के साथ गाली-गलौज करने लगे। देखते ही देखते विवाद ने इतना तूल पकड़ा कि दोनों पक्ष के लोगों ने एक दूसरे की पिटाई शुरू कर दी। इसी दरमियान मौके पर पहुंचे अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों ने दोनो पक्ष के लोगों को अलग किया।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।